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पश्चिम बंगाल निकाय चुनाव में जनता का जनादेश धर्म- जाती की राजनीति करने वालों को जवाब है- सुल्तान अहमद

अब्दुल हमीद अंसारी, कोलकाता। पश्चिम बंगाल निकाय चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी ने जबर्दस्त सफलता हासिल की है। 2012 के मुकाबले इस बार जनता ने ममता बनर्जी के कार्यों से खुश होकर उनकी पार्टी टीएमसी को वोट दिया है।

पश्चिम बंगाल में बीजेपी की कोशिशों को एक बार फिर झटका लगा है और उनको नाकामी हासिल हुई है। लगातार ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के खिलाफ़ इल्ज़ाम लगाने वाली बीजेपी को जनता ने अपना जनादेश नहीं दिया है। सीपीएम और कांग्रेस का तो क्लीन स्वीप हो गया है। 2012 के मुकाबले इस बार एक भी सीट पर कब्जा नहीं कर सकी।

इस चुनाव में कामयाबी हासिल करने वाली टीएमसी के सांसद और यूपीए सरकार के दौरान केंद्र में मंत्री रहे सुल्तान अहमद से हमने बात की। सासंद सुल्तान अहमद ने कई सवालों का जवाब बेबाक अंदाज में दिए।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने ने कहा कि यह जनादेश ममता बनर्जी के कार्यों का जनादेश है। सीएम ममता बनर्जी ने जो डेवलपमेंट काम किया है, उसी का फल जनता ने अपने जनादेश के जरिए दी है।

जब मैंने सवाल किया कि विपक्ष इतनी कमजोर कैसे हो गयी? जवाब में सुल्तान अहमद ने कहा कि सीपीएम अब खत्म हो गई है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस हमेशा से उभरने में कामयाब नहीं रही है, इसकी वजह उनके कार्य शैली हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपना कार्य शैली बदलनी चाहिए ।

बीजेपी को लेकर हमने जब सवाल किया कि क्या वजह है कि बीजेपी काफी कोशिशों के बाद भी यहां उनको कामयाबी नहीं मिल पा रही है तो उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ़ दंगों की राजनीति करती है, मेरा ख्याल है कि उन्हें जनता ने इस चुनाव में जवाब दे दिया है। पश्चिम बंगाल में जनता फिर्कापरस्ती की राजनीति को पसंद नहीं करती है। यह जनादेश बीजेपी के लिए जवाब है।

लोकसभा चुनाव में गठबंधन की बात जब मैंने सुल्तान अहमद से किया तो उन्होंने कहा कि अभी काफ़ी वक्त बाकी है, ममता बनर्जी की कोशिश है, कैसे पुरे देश में एक अच्छा नेतृत्व मिले। जनता को नफरत की राजनीति के जाल से कैसे बचाया जाये, ये उनकी कोशिश लगातार हो रही है।

लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी किसके साथ चुनाव लड़ेगी, यह आलाकमान को तय करना है। हम उनके फैसले का स्वागत करेंगे और आदेशों का पालन करेंगे। हम लोगों की कोशिश रहेगी कि जनता तक अपने अच्छे कामों को पहुंचायें।

एक सवाल किया मैंने कि क्या आप मुसलमानों के बड़े नेता माने जाते हैं? जवाब में उन्होंने साफ़ कहा कि हम जाती- धर्म की राजनीति नहीं करते हैं, हम सभी धर्मों के लोगों के लिए काम करते हैं और करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम जहां से सासंद हैं, वहां की ज्यादातर आबादी गैर- मुस्लिमों की है। हमें सभी जाती धर्म के लोग वोट देते हैं।

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