पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: बांग्लादेश की हिंसात्मक फोटो को बंगाल की बताकर बीजेपी फंसी!

पंश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के दौरान बीजेपी द्वारा कही गई एक बात अब झूठी साबित हुई है। जानकारी के मुताबिक भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में बंगाल की जिन हिंसात्मक तस्वीरों को दिखाकर अपने प्रोपगेंडा की बात कही थी वो अब निराधार निकली है क्योंकि असल में तस्वीर बांग्लादेश की है।

घोषणापत्र की बुकलेट के कवर के पिछले हिस्से पर इन तस्वीरों में कोलाज के तौर पर प्रकाशित किया गया है। ये तस्वीरें साल 2013 में बाग्लादेश में युद्ध अपराधों से जुड़े मुकदमों के बाद हुई हिंसा की हैं।

भारतीय जनता पार्टी ममता सरकार पर हिंदूओं के दमन के आरोप लगाती आई है। इसी के मद्देनजर बीजेपी ने उन तस्वीरों को जारी किया था, जिसमें प्रदर्शनकारियों को मुस्लिम टोपी पहने और हाथ में लाठियां लिए देखा जा सकता है। कुछ और तस्वीरों में हिंदू देवी-देवताओँ की क्षतिग्रस्त मूर्तियों को भी देखा जा सकता है।

साल 2016 में बांग्लादेश के नसीरनगर में ऐसी ही घटना हुई थी। संभवतः ये तस्वीरें भी उसी वक्त की हैं। बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और वरिष्ठ पार्टी नेता मुकुल रॉय ने मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया था। तब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ये आज कि पश्चिम बंगाल के हालात को दिखाने के लिए गया, जिन्हें बदलने की जरूरत है।

यह पहली बार नहीं हुआ है जब बीजेपी ने किसी तस्वीर को लेकर गलत तरीके से पेश किया हो। पिछले साल बसीरहाट हिंसा के दौरान बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक ऐसी तस्वीर को बंगाल का बताते हुए ट्वीट पर अपलोड किया था जो दरअसल 2002 गुजरात हिंसा की थी।

इस मुद्दे पर सीएम ममता ने लोगों को सावधान रहने को कहा है। उन्होंने राज्य के केबल टेलीविजन ऑपरेटर्स को संबोधित करते हुए कहा कि फेक न्यूज से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।