पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार रोकना लोकतंत्र का काला दिन है- कांग्रेस

कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के रोडशो के दौरान भड़की हिंसा के बाद चुनाव आयोग के फैसलों पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में 16 मई की रात को ही चुनाव प्रचार रोकने के फैसले पर सवाल खड़ा किया।

राहुल गांधी की अगुवाई वाली पार्टी ने बुधवार को लोकतंत्र के इतिहास का ‘काला दिन’ कहा क्योंकि उसके मुताबिक आयोग ने प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को रैलियों की इजाजत दी।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘लोकतंत्र के इतिहास में आज काला दिन है। पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया का अनुपालन नहीं हुआ है तथा आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया।

यह संविधान के साथ किया अक्षम्य विश्वासघात है। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ चुनाव आयोग में 11 शिकायतें की हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा के द्वारा हिंसा की गई और अमित शाह द्वारा धमकाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।’

सुरजेवाला ने कहा, ‘अब मोदी जी को 16 मई को रैलियों की इजाजत दी गई और दूसरे सभी लोगों को प्रतिबंधित कर दिया गया। कभी एक स्वतंत्र संवैधानिक इकाई रही संस्था में शर्मनाक गिरावट है।’ इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘अगर बंगाल में स्थिति इतनी ही खराब है तो चुनाव प्रचार रोक दिया जाना चाहिए।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, चुनाव आयोग कल तक का इंतजार क्यों कर रहा है? क्या इसलिए ऐसा किया जा रहा है कि कल प्रधानमंत्री की रैलियां होनी हैं? क्या यह अप्रत्याशित नहीं है कि चुनाव आयोग यह दावा कर रहा है कि पश्चिम बंगाल में यह अप्रत्याशित परिस्थिति है, लेकिन वह फिर भी प्रधानमंत्री की चुनावी सभाएं संपन्न होने की प्रतीक्षा कर रहा है?’

गौरतलब है कि कोलकाता में अमित शाह के रोडशो के दौरान हुई हिंसा के कारण चुनाव आयोग ने फैसला किया कि कल (गुरुवार) रात 10 बजे के बाद पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। पहले चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम 5 बजे खत्म किया जाना था।