पश्चिम बंगाल मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 85 मुस्लिमों छात्रों मे 84 लड़कियां कामयाब

कोलकाता।गुरुवार को पश्चिम बंगाल JEE (मेडिकल) का रिजल्ट घोषित हुआ तो 24 परगना के गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। गांव की सफिना खातून ने यह परीक्षा न केवल पास की बल्कि उसकी रैंक 77 आई। सफिना की मां सिलाई का काम करती हैं और परिवार की माली स्थिति काफी खराब है। सफिना अल्पसंख्यक समुदाय की उन 84 लड़कियों में से हैं जो अल-अमीन मिशन की मदद से मेडिकल एंट्रेंस पास कर सकीं हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अल-अमीन मिशन स्कूलों की एक चेन है जो बंगाल में मुस्लिम समुदाय के छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के अलावा विभिन्न एंट्रेंस एग्जाम के लिए तैयार करता है। यह मिशन केवल लड़कियों को ही नहीं गरीब तबके से आने वाले मुस्लिम समुदाय के लड़कों को भी तैयार करता है। मेडिकल एग्जाम में लड़कों ने भी बाजी मारी और सैफूला शेख की 40वीं रैंक आई।

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अल- आमीन मिशन के बंगाल में 50 स्कूल हैं और इसकी ब्रांच रांची, पटना, त्रिपुरा और असम में भी खुल चुकी हैं। मिशन के स्कूल फ्री शिक्षा के अलावा भविष्य के लिए भी छात्रों को तैयार करते हैं। बीड़ी बनाने वाले परिवार से आने वाली रजिया सुल्तान की मेडिकल टेस्ट में 82वीं रैंक आई है। रजिया आठवीं क्लास से इस स्कूल में पढ़ रहीं हैं। एक और सफल छात्रा नजिफा नसरीन कहती हैं, ‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। मैं चाहती हूं कि मेरे समुदाय के और परिजन अपनी बेटियों को स्कूल में दाखिला दिलाए और उन्हें अपने सपने जीने के मौका दें।