पश्चिम बंगाल: रामनवमी आयोजन के लिए हाईकोर्ट ने दी इजाजत

कोलकाता। कलकत्ता हाइकोर्ट ने दक्षिण दमदम नगरपालिका कमेटी को आदेश दिया है कि वह दक्षिण दमदम रामनवमी कमेटी को रामनवमी का आयोजन करने की अनुमति दे। हाइकोर्ट के न्यायाधीश हरीश टंडन की अदालत ने इसके लिए नगरपालिका को फटकार भी लगायी।

अदालत ने कहा है कि नगरपालिका का आचरण लापरवाह, अकर्मण्य और दुर्भाग्यपूर्ण है। पूजा कमेटी के आवेदन को विलंबित करने का कोई औचित्य नहीं बनते।

नगरपालिका के आचरण का कोई स्पष्टीकरण नहीं है। इस पूजा के खिलाफ यह रुख आखिर क्यों है? अन्य पूजा आयोजन के साथ नगरपालिका क्या करती है? कई स्थानों पर स्टेज आदि बनाये जाते हैं। नगरपालिका कितनों को अनुमति देती है? गत वर्ष तक रामनवमी के आयोजन को अनुमति दी गयी तो फिर इस वर्ष क्यों नहीं? उल्लेखनीय है कि पूजा कमेटी की ओर से अनिल कुमार भालोटिया ने याचिका दायर की थी।

रामनवमी आयोजन को लेकर पूजा कमेटी की ओर से हिंदू जागरण मंच ने नगरपालिका से बातचीत की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। मंच के चेयरमैन नबेंदू बनर्जी ने नगरपालिका चेयरमैन पांचू राय से मुलाकात की थी।

चेयरमैन का कहना था कि वह इजाजत तभी दे सकते हैं जब स्थानीय पार्षद मानस रंजन राय इसकी अनुमति दें। नबेंदू बनर्जी का आरोप है कि फोन पर उन्होंने जब मानस रंजन राय से इस बाबत बात की तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।

नगरपालिका ने उनके आवेदन पर जवाब तक देने का कष्ट नहीं उठाया था। इसके बाद उन्होंने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। नबेंदू बनर्जी के मुताबिक इलाके में रामनवमी के आयोजन को लेकर कभी कोई समस्या नहीं हुई।

गत वर्ष का आयोजन भी बेहद सफल रहा था। दरअसल प्रशासन को लगता है कि जय श्रीराम का नारा लगाने से हर कोई भाजपाइ हो जाता है, जबकि ऐसा नहीं है। वह केवल पूजा करना चाहते हैं।