पसमांदा तबक़ात के साथ इंसाफ़ के लिए तहफ़्फुज़ात लाज़िमी

सदर तेलंगाना जागृति श्रीमती कवीता कलवा कुंतला ने अलाहिदा रियासत तेलंगाना में पसमांदगी का शिकार तबक़ात के साथ इंसाफ़ के लिए इन तबक़ात को आबादी के तनासुब से तहफ़्फुज़ात को लाज़िमी क़रार दिया।

उन्हों ने कहा कि मुत्तहदा आंध्र प्रदेश में दलित और मुसलमानों का इस्तिहसाल करते हुए आन्राा ई क़ाइदीन ने मज़कूरा तबक़ात के दरमयान ना सिर्फ़ तफ़रक़ा पैदा करने में कामयाबी हासिल की बल्कि मुनज़्ज़म अंदाज़ में इलाक़ा तेलंगाना के दलित और मुसलमानों का अर्से हयात तंग कर दिया।

श्रीमती कवीता ने मुत्तहदा रियासत आंध्र प्रदेश के क़ियाम से क़बल सरकारी महकमों में मुस्लिम मुलाज़मीन के पच्चीस से तीस फ़ीसद तनासुब को तेलुगु ज़बान की बुनियाद पर एक फ़ीसद से भी कम कर देने का सीमा आंध्र क़ाइदीन को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि मुत्तहदा रियासत आंध्र प्रदेश के क़ियाम का सब से बड़ा नुक़्सान तेलंगाना के मुसलमानों को भुगतना पड़ा।

उन्हों ने कहा कि तेलंगाना रियासत में मुसलमानों को आबादी के तनासुब से तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी के ज़रीए मुत्तहदा रियासत आंध्र प्रदेश में उन के साथ हुई नाइंसाफ़ीयों का ख़ातमा मुम्किन है।

कवीता ने कहा कि डिग्री तक तालीम हासिल करने के बावजूद भी मुस्लिम नौजवानों की अक्सरीयत रोज़गार से महरूम है। कवीता ने मज़ीद कहा कि अलाहिदा रियासत तेलंगाना के क़ियाम के साथ तेलंगाना के रिवायती तेहवारों के साथ मुसलमानों के मख़सूस ऐयाम बिलख़ुसूस ईदैन मुहर्रम और मिलादुन्नबी को भी सरकारी तौर पर मनाया जाए ताकि मुत्तहदा रियासत आंध्र प्रदेश में दूसरे दर्जा के शहरीयों जैसा सुलूक मुसलमानों के साथ किया जाता था इस एहसास से तेलंगाना के मुसलमानों को बाहर लाते हुए सुनहरी तेलंगाना की तशकील के ख़ाब को शर्मिंदा ताबीर किया जा सके।

श्रीमती कवीता ने कहा कि तेलंगाना रियासत में बरसरे इक़्तेदार आने वाली सियासी जमात पर ये ज़िम्मेदारी आइद होती है कि वो मुस्लिम दानिश्वरों की एक नशिस्त बुलाते हुए मुसलमानों को दर्पेश मसाइल का जायज़ा ले और मोअस्सर अंदाज़ में मज़कूरा मसाइल के हल को यक़ीनी बनाने का लाएह अमल भी तैयार करे।