पसमांदा तबक़ात में इत्तेहाद पर ज़ोर:जहीरुद्दीन अली ख़ान

ज़हीरुद्दीन अली ख़ान ने तेलंगाना माइनॉरिटी स्कालरस दानशवार फ़ोरम(टी एम एसा अई एफ़) की तरफ से अहाता उस्मानिया यूनीवर्सिटी में मुनाक़िदा दावते इफ़तार से ख़िताब करते हुए दावते इफ़तार में एससी एसटी बी सी और दुसरे अक़लियती तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वाले तलबा को मदऊ करने की सताइश की और कहा कि तेलंगाना में पसमांदा तबक़ात बरसों से आला ज़ात वालों की ज़्यादतियों का शिकार हैं।

उन्होंने कहा कि मज़हब इस्लाम की तालीमात में सब से अहम तमाम मज़ाहिब और अक़्वाम के साथ यकसाँ सुलूक है और बिलख़सूस मुक़द्दस माहे सियाम में एहतेमाम की जानी वाली इफ़तार की दावतों में इस का मुज़ाहरा देखने में आता है।

ज़हीरुद्दीन अली ख़ान ने कहा कि तेलंगाना पसमांदा तबक़ात की अक्सरीयत पर मुश्तमिल इलाक़ा है और पिछले साठ सालों में पसमांदा तबक़ात ही आला ज़ात वालों की ज़्यादतियों का शिकार हुई हैं।

उन्होंने पसमांदा तबक़ात के इत्तेहाद को तेलंगाना में एक नई सियासी ताकत क़रार दिया और कहा कि ज़ुलम व ज़यादतियों के ख़ातमे के लिए तेलंगाना में पसमांदा तबक़ात को मुत्तहिद होने की अशद ज़रूरत है।

साजिद पीरज़ादा ने इस मौके पर ख़िताब करते हुए मज़हब इस्लाम को अमन का अलमबरदार क़रार देते हुए कहा कि अल्लाह ताआला पैग़ंबर इस्लाम को तमाम आलिमों का नबी बना कर मबऊस फ़रमाया और इंसानियत के लिए रहमत बनाकर भेजे गए।

प्रोफेसर वीशवीशवार राव‌ ने इस मौके पर ख़िताब करते हुए कहा कि नई रियासत तेलंगाना में पहली रमज़ान के मौके पर मुनाक़िदा इफ़तार की दावतें तेलंगाना की फ़िर्कावाराना हम अहंगी की बेहतरीन मिसाल हैं जहां पर हिंदू और मुस्लिम तमाम लोग एक साथ रोज़ा कुशाई करते हैं और नमाज़ों में एक दूसरे का शाना बह शाना होकर अल्लाह को याद करते हैं।

साबिक़ वाइस चांसलर अकबर अली ख़ान प्रोफेसर के परताब रेड्डी प्रोफेसर मलीशम प्रोफेसर सुदर्शन प्रोफेसर जी विनोद कुमार प्रोफेसर अंसारी प्रोफेसर लकशमया शहबाज़ अली ख़ान अमजद के अलावा तेलंगाना हामी उस्मानिया यूनीवर्सिटी तलबा की मुख़्तलिफ़ तंज़ीमों के सरबराहान इस दावते इफ़तार में शिरकत की।

मौलाना हामिद हुसैन शतारी इफ़तार से पहले तेलंगाना की तरक़्क़ी के लिए दुआएं की इस के अलावा उन्होंने आलम इस्लाम के ख़िलाफ़ जारी सीहोनी साज़िशों को नाकाम करने और फ़लस्तीन के मुसलमानों की ग़ैबी इमदाद के लिए भी इस मौके दुआएं की।