पहली जंग-ए-अज़ीम के 100 साल, आलमी क़ाइदीन तक़रीब में शरीक

एक सौ साल पहले शुरू होने वाली पहली आलमी जंग की याद में बेल्जियम में तक़रीबात का एहतेमाम किया जा रहा है। आज मर्कज़ी तक़रीब में फ़्रांसीसी सदर फ़्रांसवा ओलानड, जर्मन सदर यवाख़ीम गाओक और बेल्जियम के वज़ीर-ए-आज़म समेत तक़रीबन 80 मुल्कों के सरबराहान-ए-ममलकत-ओ-हुकूमत शिरकत कर रहे हैं।

एक सौ साल पहले आज ही के रोज़ जर्मन दस्ते, जिन्होंने एक रात पहले ग़ैर जांबदार बेल्जियम पर हमला कर दिया था, शहर लीवटिश में दाख़िल हो गए थे। जर्मनों ने इस शहर की तारीख़ी लाइब्रेरी समेत इस शहर को बड़ी हद तक तबाह कर दिया था जबकि अगस्त 1914 में होने वाली शदीद झड़पों में हज़ारों अफ़राद मारे गए थे। जर्मन सदर गाओक ने अपने ख़िताब में कहा कि एक सौ साल पहले जर्मन दस्तों के हमले को किसी भी तरह से जायज़ क़रार नहीं दिया सकता।