पहली बार गांव में बिजली देख बोले लोग, ” बल्ब जलता देख जीवन सफल हो गया”.

झारखंड: भारत में मोदी सरकार द्वारा लांच किए गए 2000 के नोट पर जहाँ मंगल पर पहुंचने की ख़ुशी जाहिर की जा रही है वहीँ भारत के कुछ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ अब जाकर बिजली पहुंची है। झारखंड के एक नक्सल प्रभावित गांव में पहली बार बिजली पहुंची तो लोगों को दिवाली मनाने के असली मायने पता लगे। झारखंड की राजधानी रांची से 175 किलोमीटर दूर स्थित लातेहार जिले के गारू गांव जिसका नाम सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में शामिल है।

गाँव में पहली बार बिजली पहुंचने पर गांव के प्रधान शिव शंकर सिंह ने बताया कि कैसे गाँव में बिजली लाने के लिए सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा दिए जाते आश्वासनों के चलते गाँव के लोग बिजली का इंतज़ार इतने लंबे वक़्त से कर रहे थे लेकिन गाँव वालों का ये सपना आखिर इस साल पूरा हो गया। ग्राम परिषद के एक सदस्य सुखदेव ओरांव का कहना है कि बिजली आने से हमें डीजल का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा और खेती में भी सुधार होगा। गाँव में अभी भी वोल्टेज की कमी है लेकिन लोग इस कदम से खुश हैं।

इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सीआरपीएफ की 112 बटालियन के कमांडेन्ट रमेश कुमार ने बताया कि सर्वाधिक नक्सली प्रभाभित इलाका होने के कारण नक्सली गाँव में किसी भी तरह के विकास कार्य का विरोध करते हैं और नतीजा यह होता है कि कोई निजी बिल्डर ठेका लेने के लिए तैयार नहीं होता है। ऐसा तभी हो सका जब सीआरपीएफ से सुरक्षा और संरक्षा का आश्वासन मिला और उन्होंने सड़कें बनाने का काम शुरू हुआ। गाँव से विधायक राम लाल प्रसाद ने बताया कि इलाके में जब से सीआरपीएफ आई है उससे बहुत ज्यादा बदलाव आया है। गाँव के कुछ कुछ बुजुर्गों ने कहा है कि एक बल्ब कैसे जलता है यह देख कर उनका जीवन सफल हो गया।