24जून को सभी सऊदी महिलाओं में सऊदी की सड़कों पर ड्राइविंग करना शुरू किया। इन में सिर्फ सऊदी नागरिकता वाली महिलेन शामिल नहीं है बल्कि प्रवासी महिलाऐं भी सऊदी की सड़कों पर गाड़ी दौड़ाती नज़र आ रही है। इन सभी महिलाओं में एक सरम्मा थॉमस भी ही जो पहली भारतीय महिला है जो सऊदी में ड्राइविंग कर रहीं है।
सरम्मा को 28 जून को अपना ड्राइविंग लाइसेंस मिला और सऊदी अरब में ड्राइविंग करने के लिए आधिकारिक परमिट पाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है।
खलीज टाइम्स के मुताबिक, सरम्मा भारत के केरल राज्य में पठानमथिट्टा से हैं और वह पिछले नौ वर्षों से दम्मम में जुबेल किंग अब्दुलअज़ीज़ नौसेना बेस सैन्य अस्पताल में एक नर्स के रूप में काम कर रही है।
सराम्मा ने कहा, मुझे आशा है कि यह सऊदी में यहां और अधिक महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन जाएगी। कई महिलाओं ने मुझे बताया कि वे मुझे ड्राइव देखने के बाद प्रेरित महसूस करती हैं।
2 सितंबर, 2017 को, दो पवित्र मस्जिदों के कस्टोडियन, सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ ने शाही घोषणा जारी की, जिससे महिलाओं को इस संबंध में 24 जून से ड्राइविंग करने की इजाज़त मिली।
सऊदी अरब में अब पांच केंद्र हैं जो महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए समर्पित हैं जहां प्रशिक्षकों सऊदी महिलाएं हैं जिन्होंने विदेश से अपने ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किए हैं।
देश में महिलाएं अब महिला शिक्षकों, महिलाओं के टैक्सियों और स्कूल के स्कूलों की स्कूल बसों को लेकर वाहन चला सकती हैं। वे कार किराए पर लेने की सेवाएं भी संचालित कर सकती हैं।
साभार- ‘वर्ल्ड न्यूज हिन्दी’