दिल्ली: सत्ता में आने के बाद से झूठ के पुलिंदे बाँध जनता को बेवकूफ बनाने में लगी बीजेपी ने जिस तरह सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर शोहरत बटोरने की कोशिश की है वो तो जगजाहिर है। लेकिन शोहरत को भूख में बीजेपी इस हद तक गिर गयी है कि न तो उन्हें पद की गरिमा के का कोई ख्याल है और न ही झूठ पकड़े जाने की सूरत में बेइज़्ज़त होने का डर। बीते दिनों एलओसी के उस पार पाकिस्तान में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक्स को अंजाम देने की सेना की गोपनीय कार्यवाई का ढोल बीजेपी ने कुछ इस तरह पीटा है जैसे किसी के घर नए बच्चे ने जन्म लिया हो। सरकार के रक्षा मंत्री मोहन पर्रिकर का दावा था कि उरी हमले के बाद पहली बार भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया है इससे पहले की सरकार के राज के दौरान जो ऑपरेशन्स किये गए उनमें सरकार की वो भूमिका कभी नहीं रही जो इस बार थी।
बीजेपी के इन दावों के बाद संसदीय समिति ने विदेश सचिव से यह सवाल किया था कि क्या इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक्स पहले भी कभी हुईं हैं? जिसके जवाब में विदेश सचिव इस जयशंकर ने जानकारी देते हुए कहा कि पहले भी आतंकवाद के खात्मे के लिए इस तरह के कदम उठाये जा चुके हैं लेकिन पहले कभी इन ऑपरेशन्स का खुलासा जनता के सामने नहीं किया गया।