पाँच दहशतगर्दों को राह-ए-रास्त (रास्ते पर लाने ) पर लाने ए टी एस का अहम रोल

महाराष्ट्रा की ATS ने एक ऐसे नौजवान को जो दहश्तगर्दी की तरबियत ( Training) हासिल कर रहा था, को मुकम्मल तौर पर सुधारने के सिर्फ दो माह बाद दीगर( दूसरे/ अन्य) पाँच नौजवानों को जिन्हें दहशतगर्द बनने के लिए पाकिस्तान के एक ऐसे कैंप में तरबियत दी गई थी जहां मुबय्यना तौर पर 26/11 के कलीदी मुल्ज़िम अजमल क़स्साब ने तरबियत ( Training) हासिल की थी, की इस्लाह ( ठीक) करने में कामयाबी हासिल की ।

इत्तिलाआत ( खबर) के मुताबिक़ मार्च के महीना में एक 20 साला नौजवान ने इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी ( दहशत फैलाने वाले) यूनिट से रुजू होते हुए अपनी इस्लाह की ख़ाहिश ज़ाहिर की थी हालाँकि कुछ माह क़ब्ल ( पहले) ही इसने धमाको अशिया और बम साज़ी के इलावा अपने दहशतगर्द नेटवर्क को तौसीअ देने दीगर ( दूसरे) नौजवानों की ब्रेन वाशिंग की तरबियत ( Training ) भी हासिल की थी ।

इस नौजवान को पुलिस ने भरपूर तआवुन (मदद) पेश करते हुए इसे गैर जांबदार बनाने में अहम रोल अदा किया और एक कंपनी में मुलाज़मत ( नौकरी) दिलाने में इसकी मदद की जहां अब इसकी तनख़्वाह 20,000 रुपये महीना है। ए टी एस के एक ओहदेदार ने ये बात बताई और अब बारी है इन पाँच दीगर ( दूसरे/ अन्य) नौजवानों की जिन के बारे में ए टी एस को पूरी तवक़्क़ो ( यकीन) है कि वो उन्हें राह रास्त पर लाने में कामयाब हो जाएगी क्योंकी राह रास्त पर आने के बाद ही वो एक मामूल की ज़िंदगी जीने के काबिल बन सकेंगे ।

पांचों नौजवानों का ताल्लुक़ महाराष्ट्रा के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों से है। 2010 के अवाख़िर में उन्होंने पाकिस्तान का दौरा किया । तीन माह की तरबियत के दौरान उन्हें बम साज़ी और हथियार चलाने की तरबियत ( Training) दी गई थी। उन्हें ये भी बताया गया था कि वक़्त पड़ने पर पुलिस को किस तरह चकमा दिया जाए ।

नौजवानों ने ATS के रूबरू ( आमने सामने) रोते हुए बताया कि वो किसी जुर्म के इर्तिकाब (बुरे काम की शुरूआत करना) का इरादा नहीं रखते और पाकिस्तान जाकर उन्होंने बहुत बड़ी ग़लती की है । ए टी एस ने इन नौजवानों के बारे में पूरी मालूमात हासिल करते हुए जब ये तौसीक़ (पुष्टी) कर ली कि वो झूट नहीं बोल रहे हैं तो उन्हें गिरफ़्तार ना करने का फैसला किया । पांचों नौजवान साईंस और आर्टस ग्रेजूएट हैं। इन पांचों में से एक को 18000 फ़ी माह ( प्रति माह) की मुलाज़मत ( नौकरी) भी दिलवाई है।