हैदराबाद । (सियासत न्यूज़)आंधरा प्रदेश रियास्ती हज कमेटी के क़ुरआ अंदाज़ी के ज़रीये चुने गये आज़मीन में पाँच साल के अंदर दूसरी मर्तबा चुने जाने वाले हाजियों की निशानदेही करली गई है और अभितक एसे 32 हाजियों की तरफ से जमा कि गई पहली क़िस्त की क़ुरक़ी का मर्कज़ी हज कमेटी ने फ़ैसला किया है।
बावसूक़ ज़राए(मोतबर सुत्रो) से मिली खबरों के मुताबिक मर्कज़ी हज कमेटी ने हज्ज के लिये चुने गए लोगों की फ़हरिस्त का जायज़ा लेने के बाद आंधरा प्रदेश से ताल्लुक़ रखने वाले 32 हाजियों की निशानदेही की है जिन्हों ने पाँच साल के अंदर दूसरी मर्तबा दरख़ास्त हज कमेटी को धोका देते हुए दाख़िल की है।
हज फ़ार्म में इस बात की वजाहत है कि दरख़ास्त गुज़ार हज फ़ार्म पर दस्तख़त के मौके पर इस बात का अह्द करता है कि वो जो कुछ तफ़सीलात फ़ार्म में दाखिल कर रहा है वो दरुस्त हैं। फ़ार्म में इस बात की वजाहत मौजूद है कि पाँच साल में दूसरी मर्तबा दरख़ास्त दाख़िल ना की जाए। अगर कोई दरख़ास्त दाख़िल करते हुए तय होजाता है और रक़म जमा करवा देता है तो एसी सूरत में इस की रक़म जबत करली जाएगी।
केन्द्रीय हज कमेटी के मुताबिक आंधरा प्रदेश के दुबारा दरख़ास्त दाख़िल करने वाले 32 हाजी पहली क़िस्त के तौर पर 51 हज़ार रुपये जमा करवा चुके हैं जिसे क़ुरक़ करने का फ़ैसला किया जा चुका है।केन्द्रीय हज कमेटी अपने फ़ैसले के मुताबिक़ अमल करते हुए अगर इन 32 तय किये गये हाजियों की रक़म क़ुरक़ करती है तो एसी सूरत में केन्द्रीय हज कमेटी को 16लाख 32हज़ार रुपये हासिल होंगे। इस क़ुरक़ी के मुताल्लिक़ तफ़सीलात देने से मर्कज़ी हज कमेटी के ओहदेदार गुरेज़ कर रहे हैं और आंधरा प्रदेश रियास्ती हज कमेटी के ओहदेदारों को भी इस के बारे में खबर नही हैं।