मर्कज़ी काबीना ने आज रात सीमांध्र इलाक़ा के लिए पाँच साल तक ख़ुसूसी ज़मुरे का मौक़िफ़ दिया है। हाल ही में मंज़ूरा आंध्र प्रदेश रिआर्गेनाईज़ेशन बिल में दो तरमीमात को भी मंज़ूरी दी गई है, जिसमें दोनों इलाक़ों की मसाइल की यकसूई की जाएगी।
पहली तरमीम में पोलावरम पावर प्रोजेक्ट के बाइस बेघर होने वाले अफ़राद की बाज़ आबादकारी के लिए इक़दामात किए जाऐंगे। दूसरी तरमीम तेलंगाना और सीमांध्र के दरमियान एन टी पी सी जैसे मर्कज़ी यूनिटों की जानिब से पैदा की जाने वाली बर्क़ी मुसावी तौर पर तक़सीम की जाएगी।
दो घंटे तवील काबीना इजलास में वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह की जानिब से पेश तरमीमात को मंज़ूरी दी गई जिसमें पाँच साल तक 13 अज़ला पर मुश्तमिल सीमांध्र इलाक़ों को ख़ुसूसी मौक़िफ़ दिया जा रहा है। काबीना की तफ़सीलात से वाक़िफ़ कराते हुए मर्कज़ी वज़ीर जयराम रमेश ने कहा कि काबीना ने प्लानिंग कमीशन को हिदायत दी है कि वज़ीर-ए-आज़म के ऐलान के मुताबिक़ सीमांध्र को ख़ुसूसी मौक़िफ़ के फ़ैसले पर अमल करे । उन तजावीज़ में टैक्स मुराआत जैसे सहूलतों के साथ छः नुकाती तरक़्क़ियाती पैकेज शामिल है। दोनों रियासतों में सेंट्रल बर्क़ी यूनिटों की जानिब से तलब की जाने वाली बर्क़ी का 85 फ़ीसद तक़सीम किया जाएगा।
जबकि 15 फ़ीसद हिस्सा गुज़िशता पाँच साल के दौरान बर्क़ी खपत की बुनियाद पर मुख़तस किया जाएगा। इस बिल में तजवीज़ रखी गई है कि बर्क़ी को गुज़शता पाँच साल के दौरान इस्तिमाल करदा बर्क़ी की असास पर तक़सीम किया जाये। आंध्र प्रदेश की तक़सीम का अमल ब्यूरोक्रेसी की जानिब से आज से शुरू किया जाएगा। सीमांध्र के एक नए दार-उल-हकूमत का भी बहुत जल्द इंतिख़ाब किया जाएगा। मर्कज़ी काबीना ने आज इंसिदाद रिश्वत सतानी बिल के लिए आर्डीनैंस तरीका-ए-कार को मुस्तर्द कर दिया। कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी ने इस बिल की मंज़ूरी के लिए ज़ोर दिया था।