पांच करोड़ रुपये में लगा चार दरख़्त

साहेबगंज 28 अप्रैल : साहेबगंज वन प्रमंडल में मनरेगा के तहत पांच करोड़ रुपये में सिर्फ चार दरख़्त लगाये गये हैं। इस घोटाले का खुलासा होने के बाद देहि तरक्की सेक्रेटरी ने मौजूदा डीसी के रवि कुमार के खिलाफ महकमा जाती कार्यवाही की सिफारिश की थी। पर उस समय रियासत के एक वजीर ने इस अफसर पर कार्रवाई की रजामंदी नहीं दी।

मौजूदा मनरेगा कमिश्नर ने की ताफ्सिश
साहेबगंज जंगल डिविसन में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जुलाई 2012 में मौजूदा मनरेगा कमिश्नर संतोष कुमार ने जांच की। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में तसर और फलदार दरख्त लगाने और पानी के तहफ्फुज़ की मंसूबा के नाम पर पांच करोड़ रुपये के गबन का ज़िक्र किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि देव पहाड़ में 64 हेक्टेयर जमीन पर तसर के दरख़्त लगाये जाने थे। पर मोयना में वहां सिर्फ दो ही दरख़्त पाये गये। इसी तरह अदरो में 26 हेक्टेयर जमीन पर भी तसर के सिर्फ दो ही दरख़्त मिले। इस इलाके में कुल 43316 पिट खोदने का दावा किया गया था।पर ताफ्सिश में एक भी पिट नहीं मिला।

इसके अलावा जिन दूसरी जगहों पर तसर और फलदार दरख़्त लगाने के दावे किये गये थे, वहां सिर्फ झाड़ियां पायी गयी। दूले पहाड़ पर 46 हेक्टेयर जमीन पर 55810 पिट खोदने का दावा किया गया था, पर एक भी पिट नहीं मिला। इस इलाके में एक भी तसर या फलदार का पेड़ नहीं दिखा।

वनवासी को जगह का पता नहीं :

मजेदार बात यह है कि दूले पहाड़ पर इन मसुबों को अम्दर आमद करनेवाले वनवासी विश्वनाथ राम को जगह का पता ही नहीं था। मुरली में ट्रेंच फेंसिंग मंसूबा के तहत दो-तीन फुट गहरे गड्ढों की जगह दो-तीन फुट ऊंचे पत्थर मिले हैं। तेतरिया, छोटा बंदर कोला व डालाबाड़ी समेत दीगर जगहों पर मनरेगा के तहत ली गयी मंसूबा बंदी का नामो-निशान नहीं है। जहां मसुबों को पूरा करने का दावा किया गया था, वहां झाड़ियां पायी गयी।