सूबे में अगले पांच सालों में एक करोड़ लोगों को महारत की तरबियत दिया जायेगा। वज़ीरे आला नीतीश कुमार मंगल को अपने रिहाईस पर बिहार रियासत महारत तरक़्क़ी मिशन की तजवीज बैठक में कहा कि लड़के और लड़कियों को मुखतलिफ़ ट्रेडों का तरबियत देकर उनकी आमदनी बढ़ायी जायेगी। इससे खुद रोजगार का रास्ता भी हमवार होगा। उन्होंने कहा कि महारत की हर जगह कद्र है। ऐसे लोगों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ता है।
इन ट्रेडों में मिलेगी ट्रेनिंग
लड़के लड़कियों को डीटीएच मेकैनिक, मोबाइल फोन की मरम्मत, फैक्स मशीन की मरम्मत, मेडिकल आलात की मरम्मत और रखरखाव, एक्स-रे मशीन के मेंटेनेंस, बेल्डर, गैस कटर, हैंड इंब्रायडरी, गारमेंट चेकर, टेलरिंग, हेल्पर, डाटा इंट्री ऑपरेटर, स्टॉक का रखरखाव, ऑरमेंटालिस्ट, असिस्टेंट फैशन सेल्स रिप्रजेंटेटिव, ग्राउन डिजाइनर, बेसिक हाउसमैन, कुक, पेंटर, प्लंबर, सुरक्षा गार्ड, डिजिटल कैमरा फोटोग्राफी, लेदर गारमेंट मेकर जैसे 1158 ट्रेडों में तरबियत किया जायेगा।
कायम होगा वसायल सेंटर
बिहार महारत तरक़्क़ी मुहिम की अहम किरदार महारत की मांग और सप्लाय के अंदर की पहचान करना होगा। मुहिम को एक आज़ाद वसायल मर्कज कायम करना है। ललित नारायण मिश्र एकतेसादी, समाजी तरक़्क़ी अदारे के जरिये रिसर्च भी कराने की मंसूबा है।
मुहिम के कामों में तरबियत अदारों की सिनाख्त करना, पाठ्यक्रमों का डिजाइन करना, तरबियत के आलात को निशान देही करना, ट्रेनर को तरबियत करना, ताज़ीरों से समन्वय कायम करना होगा। दूसरी तरफ, रियासत हुकूमत के 17 महकमा तरबियत की शिनाख्त करेंगे, उन्हें आला तरबियत देंगे, बजट की नेज़ाम करेंगे और अमल के मुताबिक मुकासिद को हासिल करेंगे।