जमाअतुद्दावा और जैश मुहम्मद जैसी इंतिहापसंद तंज़ीमें ईद-उल-अज़हा के मौक़ा पर जमा किए हुए चमडे फ़रोख़त कर के सालाना 78 करोड़ रुपये कमाती हैं । पाकिस्तानी ओहदेदारों ने ऐसी तंज़ीमों की जानिब से रक़ूमात की वसूली पर इमतिना आइद कर रखा है लेकिन इस के बावजूद खु़फ़ीया तौर पर उन तंज़ीमों ने एक तख़मीना के बमूजिब 78,21,500 रुपये कमाए हैं ।
रोज़नामा डॉन में इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्टस का हवाला देते हुए ख़बर शाय की है कि गै़रक़ानूनी और इंतिहा-पसंद ग्रुपस ने इन ओहदेदारों को धमकीयां दी थीं जो उन्हें ईद-उल-अज़हा के मौक़ा पर चिर्म क़ुर्बानी जमा करने से रोक रहे थे । ऐसी दीगर तंज़ीमों में सिपाह सहाबा ,तहरीक जाफ़रिया ,शीया उल्मा कौंसल ,सुनी तहरीक ,हरकत उल-मुजाहिदीन शामिल हैं ।