पाकिस्तानी दारुल हुकूमत में शाहराह दस्तूर ख़ाली करने से मुताल्लिक़ सुप्रीम कोर्ट का तहरीरी हुक्मनामा इन्क़िलाब और आज़ादी मार्च के मुंतज़मीन को पहुंचा दिया गया, शुर्का ने शाहराह दस्तूर मुकम्मल ख़ाली करने से इनकार करते हुए जुज़वी तौर पर सड़क ख़ाली की है।
जबकि तहिरीके इंसाफ़ और अवामी तहरीक ने अदालती हुक्म पर अमल दरआमद बारे अपने अपने जवाबात भी सुप्रीम कोर्ट में जमा करवा दीए हैं जिस में कहा गया है कि रास्ते को मुकम्मल तौर पर बंद नहीं किया गया बल्कि हुकूमत ने ही कंटेनरों से रास्ते बंद कर रखे हैं वो खोले जाएं।
तहिरीके इंसाफ़ ने वाज़ेह किया है कि उन का धरना शाहराह दस्तूर से दूर है और वो इलाक़ा अर्सा पाँच साल से बंद है इस लिए उस पर दिया गया धरना किसी भी परेशानी का बाइस नहीं।
सेक्यूरिटी हाई अलर्ट के एलानात के बाद अवामी तहरीक के कारकुनों ने रात जाग कर गुज़ार दी। आज़ादी और इन्क़िलाब मार्च के शुर्का ने शाहराह दस्तूर पर जजेज़ की गुज़रगाह से रुकावटें हटा दीं।
इन्क़िलाबी मार्च के शुर्का ने सुप्रीम कोर्ट के जजेज़ हज़रात के गुज़रने के लिए सुप्रीम कोट का एक हिस्सा गुज़िश्ता रात ही ख़ाली कर दिया था ताहम सुप्रीम कोर्ट के हुक्म के बावजूद शहराह दस्तूर को मुकम्मल तौर पर ख़ाली नहीं किया गया था जबकि अदालते उज़्मा ने शाहराह दस्तूर को मुकम्मल तौर पर ख़ाली करने का हुक्म दिया है।