पाकिस्तानी बहरीया के अड्डे पर तालिबान दहश्तगरदों के हमले में महलूक दहश्तगरदों की इन के हलाक किए जाने के एक साल बाद आज तदफ़ीन करदी गई, ताहम उन की क़ब्रों का कोई निशान नहीं रखा गया। सुराग़ रसां महिकमा , उन की शनाख़्त साबित करने से क़ासिर रहे।
इस लिए उन की क़ब्रों पर कुतबे नसब किए गए हैं। पाकिस्तानी बहरीया के फ़ौजी अड्डे वाक़ै नहरान पर 22 मई 2011-ए-को हमला किया गया था जो कई घंटे जारी रहा था। इस हमले में जो हमला आवर हलाक हुए थे, उन की आज तदफ़ीन करदी गई।