पाकिस्तानी संसद ने कठोर साइबर-अपराध कानून पारित किया

मानवाधिकार कर्मियों और विपक्षी पार्टियों की आलोचना के बीच पाकिस्तान की संसद ने देश में साइबर अपराधों से निबटने के लिए आज एक विवादस्पद ‘कठोर’ कानून पारित किया।

संसद के निचले सदन, कौमी असेंबली ने बिना किसी संशोधन के ‘इलेक्ट्रानिक अपराध उन्मूलन अधिनियम’ पारित कर दिया। सीनेट पिछले माह इसे पारित कर चुकी है। सीनेट ने इसे पारित करते हुए इसमें 50 संशोधन किए जबकि कौमी असेंबली में इसे बिना किसी संशोधन के इसे पारित कर दिया गया।

पाकिस्तानी संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद इसपर राष्ट्रपति ममनून हुसैन का दस्तखत होना है। तभी यह कानून का शक्ल लेगा। इस कानून में इंटरनेट के दुरूपयोग से जुड़े 21 अपराध हैं। आतंकवाद के लिए साइबरस्पेस के उपयोग, नफरत फैलाने, पोर्नोग्राफी समेत एक दर्जन से ज्यादा अपराधों के लिए जेल की सजा का प्रावाधन है।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और मुत्तहिदा कौमी मुवमेंट समेत प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने इस विधेयक की कई धाराओं की आलोचना की है। उनका कहना है इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला हो सकता है।

पीपीपी के संसदीय नेता नवीद कमर ने कहा कि यह एक कठोर कानून है जो संविधान सम्मत मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। कमर ने कहा कि यह कानून अदालत में नहीं टिकेगा। एमक्यूएम सांसद अली रजा आबिदी ने विधेयक की कुछ धाराओं पर एतराज जताया और उसे अस्वीकार्य बताया। उन्होंने सीनेट में पारित 51 में से आठ संशोधनों पर भी एतराज जताया।