वाशिंगटन 21 दिसमबर (पी टी आई) अमरीका ने अपनी अलक़ायदा और तालिबान के कारकुनों को पाकिस्तान के क़बाइली इलाक़ा में फ़िज़ाई हमलों का निशाना बनाने की अपनी खु़फ़ीया मुहिम मुअत्तल करदी थी क्योंकि दोनों ममालिक के ताल्लुक़ात कशीदा होचुके हैं। अमरीकी महिकमा सुराग़ रसानी के कई ओहदेदार जो सी आई ए के प्रोग्राम में शामिल थे, जो बगै़र पाइलीट के प्रीडेटर और रैपर तय्यारों से फ़िज़ाई हमले कररही थी।
इन तय्यारों को आम तौर पर ड्रोन तय्यारे कहा जाता है। ये फ़िज़ाई हमले मुबय्यना तौर पर इन अंदेशों के तहत मुअत्तल करदिए गए हैं कि मौजूदा हालात में इन हमलों से पहले ही से कमज़ोरताल्लुक़ात को मज़ीद नुक़्सान पहुंचेगा। रिसाला लॉंग वार (तवील जंग) ने ख़बर दी है के सरकारी ओहदेदार हमले करने पर ग़ौर कररहे हैं। अगर इस बात की तौसीक़ होजाए कि इन का कोई आला सतही हदफ़ नज़र आया है। महिकमा सुराग़ रसानी के ओहदेदारों ने कहा कि मुम्किन है का अनक़रीब हमले किए जाएं, बशर्तिके कोई इंतिहाई काबिल-ए-क़दर हदफ़नज़र आजाए, लेकिन बसूरत-ए-दीगर फ़िलहाल हमले तर्क करदिए गए हैं।
अमरीकी ओहदेदार ने ये इन्किशाफ़ करने से इनकार करदिया कि कौनसे दहश्तगर्द क़ाइदीन अमरीका की नज़र में हमला करने के काबिल हैं, जिन को अमरीका निशाना बनाएगा। ड्रोन हमले वस्त नवंबर से जबकि फ़िज़ाई हमलों की रफ़्तार गुज़शता दो माह से तेज़ होगई थीं, अब मुअत्तल करदिए गए। आख़िरी अमरीकी फ़िज़ाई हमला 16नवंबर को किया गया था। रिसाला ने जो अपनी वैब साईट पर हमला की तफ़सीलात शाय किया करता है, कहा कि ये सी आई ए के कंट्टर एक्टर रेमंड डेविस के हाथों लाहौर में दो पाकिस्तानीयों के क़तल के बाद फ़िज़ाई हमलों के प्रोग्राम में सब से तवील वक़फ़ा है।
मुबय्यना तौर पर जारीया साल के अवाइल में डेविस ने ख़ुद हिफ़ाज़ती इक़दाम के तौर पर पाकिस्तानी शहरीयों को क़तल किया था। दोनों ममालिक के ताल्लुक़ात गुज़शता दो साल से इन्हितात पज़ीर हैं जबकि अमरीका ने ड्रोन हमलों के प्रोग्राम में शिद्दत पैदा करते हुए पाकिस्तान पर इल्ज़ाम आइदकिया था कि वो तालिबान और दीगर दहश्तगर्द ग्रुपस की ताईद कररहा है।