पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में गीलानी के मुक़द्दर का आज फैसला

सारा पाकिस्तान , दम साध कर अपने मुतहारिब वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गीलानी के ख़िलाफ़ तौहीन अदालत के एक मुक़द्दमा में सुप्रीम कोर्ट के फैसला का इंतिज़ार कर रहा है जिसके नतीजा में मिस्टर गीलानी को जेल जाना या इक़्तेदार छोड़ना पड़ सकता है ।

लेकिन उन्होंने ( मिस्टर गीलानी ) इस फैसला का सामना करने के लिए कल शख़्सी तौर पर अदालत में हाज़िर होने का अह्द किया है । मिस्टर गीलानी ने काबीना के इजलास से ख़िताब करते हुए कहा कि मैं कल सुप्रीम कोर्ट में हाज़िर होउंगा । उन्होंने मज़ीद कहा कि इन की हुकूमत ने हमेशा अदलिया का एहतेराम की है और अदालती अहकाम पर तामील की है , मुस्तक़बिल में भी ये सिलसिला जारी रहेगा । वाज़िह रहे कि सदर आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ रिश्वत सतानी के मुक़द्दमात का अहया-ए-करने अदालत अज़मी की हिदायात पर तामील करने में मिस्टर गीलानी की नाकामी के बाद उन के ख़िलाफ़ तौहीन अदालत का मुक़द्दमा दायर किया गया था । कुसूरवार पाए जाने की सूरत में 56 साला मिस्टर गीलानी को छः माह की कैद हो सकती है और नाअहल भी क़रार दिया जा सकता है।

जस्टिस नासिर मलिक ने गुज़श्ता रोज़ मुक़द्दमा की समाअत के दौरान मिस्टर गीलानी के वकील सफ़ाई एहतेज़ाज़ हसन से कहा था कि जुमेरात को फैसला के ऐलान के मौक़ा पर मिस्टर गीलानी की अदालत में मौजूदगी को यक़ीनी बनाएं। वाज़िह रहे कि सदर आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ रिश्वत सतानी के मुक़द्दमात का अहया करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की जानिब से मिस्टर गीलानी पर मुसलसल दबाव डाला जा रहा था लेकिन मिस्टर गीलानी ने इस से साफ़ इनकार करते हुए कहा था कि सदर को मुक़द्दमात का सामना करने से दस्तूरी तौर पर इस्तिस्ना हासिल है चुनांचे वो सदर के ख़िलाफ़ रिश्वत सतानी के मुक़द्दमात दुबारा खोलने से कहीं ज़्यादा जेल जाना यह इक़्तेदार छोड़ना पसंद करेंगे|