नई दिल्ली 29 जनवरी ( पी टी आई )पाकिस्तान के वज़ीर-ए-दाख़िला रहमान मलिक के अदाकार शाहरुख ख़ां के तहफ़्फ़ुज़ के मुतालिबे पर उन की मुज़म्मत करते हुए मर्कज़ी वज़ीर-ए-इत्तलात-ओ-नशरियात मनीष तीवारी ने आज कहा कि इस के बजाय उन्हें ख़ुद अपने मुल्क में अकलियतों के हाल-ए-ज़ार पर तवज्जु देना चाहीए ।
उन्होंने कहा कि जहां तक वज़ीर-ए-दाख़िला पाकिस्तान का सवाल है अगर वो पाकिस्तान की दाख़िली सूरत-ए-हाल पर तवज्जु दें और अकलियतों के साथ पाकिस्तान में रूह-ए-रखते हुए सुलूक का हक़ीक़ी जायज़ा लें तो ये उनकी जानिब से एक बेहतर ख़िदमत होगी । वो रहमान मलिक के इस तबसरा पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर कररहे थे हकूमत-ए-हिन्द को बोलीवुड अदाकार को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम करना चाहीए ।
मनीष तीवारी ने कहा कि जमहूरीयत की आज़माईश इस बात से नहीं होती कि अक्सरीयत के साथ हुकूमत का सुलूक किया है बल्कि अक़ल्लीयतों के साथ इस के सुलूक से होती है । हिंदूस्तानी दस्तूर के तहत यू पी ए हुकूमत ने हर शहरी और हर फ़र्द को मुसावी एहतिराम और मुसावी रुतबा देने की कोशिश की है ।
रहमान मलिक ने कल बोलीवुड अदाकार के तबसरा पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए एक तनाज़ा खड़ा कर दिया था । शाहरुख ख़ां ने मुबय्यना तौर पर एक इंटरव्यू में कहा था कि सियासी क़ाइदीन उन्हें ग़लत अंदाज़ फ़िक्र रखने वाले और हिंदूस्तान में मुस्लमानों को मुहिब-ए-वतन ना समझने वाले अफ़राद की अलामत समझते हैं । रहमान मलिक ने इस तबसरा पर हकूमत-ए-हिन्द से शाहरुख ख़ां को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम करने का मुतालिबा किया था ।