पाकिस्तान का दारुल हुकूमत इस्लामाबाद फ़ौज के ज़ेरे इंतिज़ाम

हुकूमते पाकिस्तान ने आज दारुल हुकूमत इस्लामाबाद का सियानती इंतेज़ाम फ़ौज के हवाले कर दिया। तीन माह क़ब्ल ये मुतनाज़ा फ़ैसला किया गया था। चंद दिन बाअज़ इमरान ख़ान की पार्टी का बड़े पैमाने पर हुकूमत मुख़ालिफ़ जलूस निकाला जाने वाला और जल्से आम मुनाक़िद किया जाने वाला है।

मर्कज़ी वज़ीरे दाख़िला चौधरी निसार अली ख़ान ने गुज़िश्ता हफ़्ता एलान किया था कि 2 अगस्त से अक्टूबर के ख़त्म तक दस्तूर पाकिस्तान की दफ़ा 245 के तहत इस्लामाबाद में फ़ौज तैनात रहेगी।

दस्तूर की दफ़ा 245 मुसल्लह अफ़्वाज की ममलकत में कार्यवाईयों के बारे में है जिस में कहा गया है कि मुसल्लह अफ़्वाज को मर्कज़ी हुकूमत की हिदायत पर पाकिस्तान का ख़ारिजी जारहीयत या जंग के ख़तरे के ख़िलाफ़ दिफ़ा करना होगा और क़ानून के तहत शहरी अख़्तियारात की ज़िम्मेदारी भी क़ुबूल करनी होगी जिस की इससे तवक़्क़ो की जा रही हो।

सियानती ज़राए के बामूजिब फ़ौज की पाँच कंपनीयां इब्तिदा में अहम सरकारी इमारतों और दीगर हस्सास मुक़ामात बाशमोल वूडी मरगला हिल्ज़ नैशनल पार्क की हिफ़ाज़त के लिए तैनात की जाएंगी।

कई छोटी सियासी पार्टीयां गुज़िश्ता महीनों में हुकूमत पर ज़ोर देती रही हैं कि आख़िरी चार क़ौमी असेंबली की नशिस्तों के लिए रायदही में जिन में 2013 में उन की पार्टी नाकाम रही थी दोबारा राय शुमारी करवाई जाए। इमरान ख़ान ने दारुल हुकूमत में बड़े पैमाने पर एहतेजाज का एलान किया है।

फ़ौज एक ताक़तवर इदारा है और मुल्क पर पाकिस्तान के 1947 में क़ियाम के बाद से अब तक आधी से ज़्यादा मुद्दत तक मुल्क पर हुकूमत करती रही है।