पाकिस्तान की जानिब से हिंदूस्तान को निहायत पसंदीदा क़ौम का मौक़िफ़ अक्टूबर से क़बल मुम्किन नहीं

ईस्लामाबाद, १४ जनवरी ( पी टी आई)पाकिस्तान ने कहा है कि ऐसा इमकान नहीं है कि हिंदूस्तान को निहायत पसंदीदा क़ौम का मौक़िफ़ अता करने का अमल अक्टूबर से क़बल मुम्किन हो जाएगा। हिंदूस्तान को ये दर्जा मिल जाय तो बाहमी तिजारत में इज़ाफ़ा हो सकता है।

दफ़्तार-ए-ख़ारजा के तर्जुमान अबदुलबासित ने कल हफ़तावार न्यूज़ ब्रीफिंग को बताया कि हकूमत-ए-पाकिस्तान हिंदूस्तान के साथ तिजारत के लिए मुसबत फ़हरिस्त से मनफ़ी फ़हरिस्त तक मुंतक़ली के अमल पर काम कररही है और वज़ारत तिजारत इस इक़दाम के ज़िमन में तमाम मुताल्लिक़ा गोशों से मुशावरत कर रही है।

बासित ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जहां तक एम एफ़ एन का मुआमला है आप तमाम जानते हैं कि उसूली तौर पर एक फ़ैसला लिया जा चुका है कि हिंदूस्तान के साथ हमारी तिजारत में मुसबत से मनफ़ी फ़हरिस्त की तरफ़ पेशरफ़त की जाए।

उन्होंने कहा कि ये काम जारी है और वज़ारत कॉमर्स तमाम मुताल्लिक़ा गोशों के साथ मुशावरत में मसरूफ़ है। इस ज़िमन में क़तई फ़ैसला काबीना की जानिब से किया जाएगा और मुझे अक्टूबर 2012-ए-से क़बल ये होता नज़र नहीं आता है।

हिंदूस्तान और पाकिस्तान ने गुज़श्ता साल कई इक़दामात पर इत्तेफ़ाक़ किया जिन का मक़सद बाहमी तिजारत को बढ़ाते हुए 2 बिलीयन डालर से 3साल में 6 बिलीयन डालर तक पहुंचाना है। हिंदूस्तानी वज़ीर-ए-तजारत आनंद शर्मा का इस साल दौरा-ए-पाकिस्तान की तवक़्क़ो है जिस से बाहमी तिजारत को बिलाशुबा फ़रोग़ हासिल होगा।