पाकिस्तान की साजिश को बेनकाब करेंगी दलबीर

चंडीगढ़, 01 मई: लाहौर के जिन्ना अस्पताल में ज़िंदगी और मौत जूझ रहे हिंदुस्तानी कैदी सरबजीत सिंह की हालत के बारे में पाकिस्तान के डॉक्टरों के झूठ से मज़रूह होकर उनके घर वालों ने अमृतसर लौटने का फैसला किया है।

दलबीर कौर अमृतसर पहुंचने के बाद खुलासा करेंगी कि किस तरह अस्पताल से लेकर इंतेज़ामिया तक ने दबाव डालकर उन्हें किस तरह परेशान किया। उनसे क्या कहने के लिए दबाव डाला गया।

सरबजीत के वकील ओवैश शेख का कहना है कि जिन्ना अस्पताल के डॉक्टर और लाहौर इंतेज़ामिया ने उसकी बहन दलबीर कौर पर वेंटीलेंटर हटाने की सहमति देने का दबाव बनाया।

दलबीर के इनकार करने पर उन्हें बार-बार अस्पताल बुलाने और फिर वापस होटल भेजने का खेल करके परेशान किया।

इसी बीच मंगल की देर शाम अचानक अस्पताल की सेक्युरिटी बढ़ा दी गई और लाहौर इंतेज़ामिया व पंजाब के वज़ारत ए दाखिला के अफसरों की आवाजाही वहां बढ़ गई।

दलबीर कौर का कहना है कि सरबजीत की छोटी बेटी पूनम की तबियत खराब हो जाने और बीवी सुखप्रीत के गम को देखते हुए घर वाले आज अमृतसर लौट रहे है।

ओवैश शेख ने फोन पर बताया कि चार दिन से सरबजीत अस्पताल में जस की तस हालत में लेटा है। घर वालों को डॉक्टर खिड़की से उसका जिस्म दिखा दे रहे हैं, लेकिन उसकी हालत के बारे में कुछ नहीं बता रहे।

उन्होंने कहा कि जिन्ना अस्पताल के डॉक्टरों ने दलबीर कौर पर अस्पताल के अंदर दबाव बनाया कि हालत में सुधार नहीं है, इसलिए घर वाले वेंटीलेटर हटाने पर तहरीरी इज़ाज़त दे। उनका दावा है कि दलबीर ने ऐसा करने के बजाए हिंदुस्तान लौटने का फैसला किया।

दलबीर कौर एतवार को जब लाहौर के जिन्ना अस्पताल के आईसीयू में सरबजीत सिंह को देखने गईं तो उन्होंने अंगूठे में नीली स्याही का निशान देखा। स्याही का निशान देख दलबीर को साजिश का शक हुआ।

पीर के दिन आईसीयू में भाई के बाएं हाथ को छूने के वक्त में उनका बायां अंगूठा देखा तो दलबीर कौर के होश उड़ गए।

सरबजीत के अंगूठे में नीली स्याही का ऐसा निशान था जो साफ बता रहा था कि जेल से अस्पताल के बीच कहीं न कहीं उससे किन्हीं कागजों पर छाप ली गई है।

मंगल के दिन पाकिस्तान के डॉक्टरों के रुख से निराश हो चुकीं दलबीर कौर ने वकील ओवैश शेख से होटल में कहा कि वह सरबजीत की बेटियों को घर भेजकर फिर लौटेंगी।

उन्होंने कहा कि अस्पताल में दो दिन से डॉक्टर जिस तरह से सरबजीत की सेहत को लेकर मनमाफिक बयान देने का दबाव बना रहे हैं, उसका वह पर्दाफाश करेंगी।

दलबीर ने अखबार “अमर उजाला” से कहा कि पाकिस्तान के डॉक्टरों ने यह कभी नहीं कहा कि सरबजीत के इलाज के लिए क्या कोशिश हो रही है और कैसे हालत में सुधार हो सकता है।

डॉक्टर दलबीर के पांकिस्तान पहुंचने के दिन से यही कहते रहे कि दुआ करो, अब रब ही कुछ कर सकता है।

——–‍‍बशुक्रिया: अमर उजाला