नई दिल्ली, 3जुलाई: , ( पी टी आई) वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे ने आज कहा कि पाकिस्तान के दहशतगर्द ग्रुप हनूज़ ख़तरा बने हुए हैं ये ग्रुप हिंदुस्तान में दहशतगर्द कार्यवाहीयां अंजाम देने, मंसूबे बनाने और मुसलसल स्पांसर करने में मसरूफ़ हैं। वज़ारत-ए-दाख़िला की मुशावरती कमेटी के अरकान से ख़िताब करते हुए उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तयेबा जैसे ग्रुप्स हिंदुस्तान में मुसलसल दहशतगर्दी की कार्यवाईयों को स्पांसर कर रहे हैं।
ये देखा जा रहा है कि मुनज़्ज़म और मंसूबा बंद तरीक़ा से दहशतगर्द ग्रुप्स सरहद पार करके अपने मक़ासिद रूबा अमल ला रहे हैं। हिंदुस्तान में दहशतगर्दी के ख़तरात बरक़रार हैं। उन्होंने इजलास में कमेटी से कहा कि इंडियन मुजाहिदीन ने पाकिस्तान में अपने दहशतगर्द अनासिर को तरक़्क़ी दी है ताकि वो हिंदुस्तान से ताल्लुक़ रखने वाले इंडियन मुजाहिदीन में अपने अरकान को भर्ती करवाकर दहशतगर्द हमले कर सकें।
उन्होंने कहा कि सेक्युरिटी एजेंसियों ने इन दहशतगर्दों की शनाख़्त करने और उनका पता चलाने की कोशिश में कामयाबी हासिल की है। इंडियन मुजाहिदीन के कारकुन ही सब से ज़्यादा सरगर्म हैं। उन के क़ाइदीन ताहम गिरफ़्तारी से बच रहे हैं। हुकूमत ने दहशतगर्दी से निपटने के लिए क़ानूनी तौर तरीक़े और मेकानिज़्म का जायज़ा लिया है। इस सिलसिले में ठोस इक़दामात किए जा रहे हैं।
मर्कज़ी मोतमिद दाख़िला अनिल गोस्वामी ने कहा कि दहशतगर्दी का ख़ातमा करने के लिए जामि तरीक़ा से बेहतरीन इक़दामात किए जा रहे हैं। इस सिलसिले में क़ानूनी फ्रेमवर्क बनाने के इलावा इंटेलीजेंस एजेंसीयों में इज़ाफ़ी मुलाज़मीन को शामिल करते हुए इंटेलीजेंस नेटवर्क को सिविल नज़म-ओ-नसक़ के साथ तआवुन के ज़रीया मज़बूत बनाया जा रहा है।
सरहदी इंतेज़ामी इदारों, हमल-ओ-नक़ल और मुवासलात के निज़ाम को भी बेहतर बनाया जा रहा है ताकि सरहद पार की दरअंदाज़ी को नाकाम बनाते हुए दहशतगिरदाना कार्यवाईयों को कुचला जा सके।