* मख़दूम शहाब उद्दीन के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट के बाद ड्रामाई तबदीलीयां
ईस्लामाबाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का आज चुनाव होगा ।सत्तादार पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी ने आज प्रधानमंत्री के ओहदे के लिए अपनी पहली पसंद मख़दूम शहाब उद्दीन के ख़िलाफ़ नाक़ाबिल ज़मानत गिरफ़्तारी वारंट जारी करने कि वजह से एक दुसरे उम्मीदवार के इलावा आख़िर वकत में सीनीयर लीडर क़मर उज्ज़माँ काइरा को भी आगे बढ़ाया है।
राष्ट्रपती आसिफ़ अली ज़रदारी, पी.पी.पी.प्रमुख ने इस से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए शहाब उद्दीन को तय किया था। सीनीयर पी.पी.पी.लीडर राजा परवेज़ अशर्फ़ को उन कि जगह उम्मीदवार तय किया गया बशर्तिके शहाब उद्दीन के काग़ज़ात-ए-नामज़दगी(नामांकान) किसी वजह से रद होजाएं।
एसे वक़्त जबकि शहाब उद्दीन क़ौमी असेंबली में अपने काग़ज़ात-ए-नामज़दगी(नामांकन) दाख़िल कर रहे थे, रावलपिंडी में एन्टी नार्कोटैक्स फ़ोर्स की ख़ुसूसी(विशेष) अदालत ने उन के ख़िलाफ़ नाक़ाबिल ज़मानत गिरफ़्तारी वारंट जारी कर दिया जो बहैसीयत वज़ीर-ए-सेहत(स्वास्थ मंत्री) उन की मीयाद के दौरान सरकारी कंट्रोल वाली ड्रग phedrine की बड़ी मिक़दार में दरामद में बे क़ाईदगियों के सिलसिले की कार्रवाई है। अगरचे अभी ये वाज़िह नहीं कि आया इस वारंट से शहाब उद्दीन की उम्मीदवारी पर असर पडेगा, लेकिन पी.पी.पी. ने फ़ैसला किया कि कोई जोखिम ना लिया जाए और सीनीयर लीडर क़मर उज्ज़माँ भी प्रधानमंत्री के इलैक्शन के लिए काग़ज़ात-ए-नामज़दगी(नामांकन) पुर करदें।
इन के काग़ज़ात(नामांकन) दाख़िल कर देने के थोड़ी देर बाद दोपहर 2 बजे क़ौमी असेंबली सेक्रीट्रीट ने नामज़दगीयों की क़बूलीयत रोक दी। तमाम तीनों पी पी पी उम्मीदवार शहाब उद्दीन, राजा अशर्फ़ और क़मर उज्ज़माँ पुर्व प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी की केबिनेट में मंत्रीयों की हैसियत से काम कर चुके हैं।
शहाब उद्दीन और अशर्फ़ के नाम रिश्वत लेने के मुक़द्दमों से जुड़े हैं जिन का मौजूदा तौर पर सुप्रीम कोर्ट जायज़ा ले रही है जबकि क़मर उज्ज़माँ के ख़िलाफ़ कोई इल्ज़ाम नहीं हैं। आज गिरफ़्तारी वारंट गिलानी के बेटे अली मूसा के ख़िलाफ़ भी जारी हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट इन इल्ज़ाम का जायज़ा ले रही है कि शहाब उद्दीन की स्वास्थ मंत्री की हैसियत से मीयाद के दौरान एफ़डरीन की दरामद के लिए बारी से हट कर कोटे दीये गए, जबकि अशर्फ़ जो वज़ीर बर्क़ी(बिजली मंत्री) रहे, प्राईवेट पावर प्रोजेक्ट से मुताल्लिक़ स्क़ाम से जुड़े हैं।
इस से पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इन कई अर्ज़ियों पर गिलानी को नाअहल क़रार दिया जिन के ज़रीये गिलानी को तौहीन अदालत पर सज़ादही के मद्दे नज़र प्रधानमंत्री की हैसियत नाअहल(अयोग्य) क़रार ना देने क़ौमी असेंबली स्पीकर के फ़ैसले को चैलेंज किया गया था।
चीफ़ जस्टिस इफ़्तिख़ार चौधरी की सरबराही वाली तीन जजों की बंच ने और रोलिंग दी थी कि प्रधानमंत्री का ओहदा 26 अप्रैल से खाली है, जब एक और सात जजों वाली बंच ने गिलानी को ज़रदारी के ख़िलाफ़ स्विटज़रलैंड में रिश्वत लेने के मुक़द्दमें दुबारा खोलने से इनकार करने पर अदालत कि तौहिन का मुजरिम पाया था।
एक अलग तबदीली में असल अप्पोज़ीशन पी एम एल । एन ने सरदार महताब अब्बासी पुर्व सी.एम शुमाल मग़रिबी(पुर्बीय पश्वीम) सूबा-ए-सरहद को प्रधानमंत्री पद के लिए आगे बढ़ाया जबकि जमीयत उल्मा इस्लाम ने अपने प्रमुख मौलाना फ़ज़ल उर्रेहमान को तय किया।
सदर ने क़ौमी असेंबली का ख़ुसूसी सैशन 22 जून को शाम 5-30 बजे तलब किया है ताकि नया प्रधानमंत्री तय किया जा सके। स्पीकर फैहमीदा मिर्ज़ा सदारत करेंगी। प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए क़ौमी असेंबली सेक्रीट्रीट के जारी किये गए शैडूल के मुताबिक़ शुक्रवार को इलैक्शन के बाद अक्सरीयती उम्मीदवार प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। हलफ़ बर्दारी(शपत) के बाद नया प्रधानमंत्री एवान से ख़त एतिमाद चाहेगा।