हैदराबाद 13 जनवरी: कांग्रेस के सीनीयर लीडर दिग्विजय सिंह ने कहा कि पठानकोट फ़िज़ाई पट्टी को एनएसजी कमांडोज़ रवाना करना सबसे बड़ी संगीन ग़लती थी। उन्होंने एनएसए अजित डोवाल के रोल पर सवाल उठाया और कहा कि उन्होंने एनएसजी रवाना करने का ग़लत फ़ैसला किया था।
वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के हालिया दौरा लाहौर की मज़म्मत करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म के लिए ये मुनासिब नहीं था। क़ौमी सलामती गार्ड्स की ताय्युनाती और जवाबी कार्रवाई के लिए किए गए इक़दामात में संगीन कोताहियों हुई हैं। इस ख़सूस में क़ौमी सलामती उमोर के ओहदेदार अजित डोवाल के रोल पर भी सवालिया निशान आइद होता है। जब वहां पर फ़ौज की यूनिट मौजूद थी तो फ़ौज ही दहश्तगरदों से आसानी से निमट सकती थी लेकिन इस के बजाये एनएसजी को रवाना किया गया जो एसी सूरत-ए-हाल से निमटने के लिए तर्बीयत याफताह नहीं है।
हुकूमत ने अपनी ज़िम्मेदारी इंतेहाई लापरवाही से अंजाम दी है। ये बड़ी बदबख़ती की बात है कि वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने अजित डोवाल को इस वाक़िये में क्लीनचिट दे दिया है जबकि फ़ौज के ओहदेदार ख़ुद ये सवाल कर रहे हैं कि आख़िर एनएसजी रवाना करने का फ़ैसला क्युं किया गया जबकि एसी कार्यवाहीयां सिर्फ हिन्दुस्तानी फ़ौज ही बेहतर तौर पर कर सकती है।
अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पठानकोट मसले में क़ौमी सलामती ओहदेदार ने अपनी ज़िम्मेदारी पूरी नहीं की है।