पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मुशतर्का कार्रवाई मुस्तरद

अमरीका और अफ़्ग़ानिस्तान के दरमयान एक दो तरफ़ा सेक्यूरिटी के मुआहिदे में अफ़्ग़ानिस्तान का ये मुतालिबा तस्लीम नहीं किया गया कि दीगर मुल्कों ख़ुसूसन पाकिस्तान की फ़ौजी जारहीयत के ख़िलाफ़ मुशतर्का फ़ौजी कार्रवाई की जाए।

अफ़्ग़ान वज़ारते ख़ारजा की सरकारी वेबसाइट पर शाय किए गए मुआहिदे के एक ड्राफ़्ट में सिर्फ़ ये कहा गया है कि अमरीका को किसी बैरूनी जारहीयत पर गहिरी तशवीश होगी और 2014 के बाद वो अफ़्ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ फ़ौजी ख़तरात या क़ुव्वत के इस्तेमाल की सख़्ती से मुज़म्मत करेगा।

अमरीका का मंसूबा है कि वो अपनी फ़ौज का बड़ा हिस्सा 2014 तक अफ़्ग़ानिस्तान से निकाल लेगा। दो तरफ़ा मुआहिदे के तहत आठ हज़ार से बारह हज़ार अमरीकी फ़ौजी 2024 तक अफ़्ग़ानिस्तान में मौजूद रहेंगे। वो इन्सिदादे दहशतगर्दी की कार्यवाईयों और बाग़ीयों की तलाश के अमल में हिस्सा लेंगे, और अफ़्ग़ानिस्तान की दिफ़ाई अफ़्वाज को तर्बीयत भी देंगे।

कैरी ने एक सीनियर अफ़्ग़ान ओहदेदार के इस दावे को भी मुस्तरद कर दिया कि अमरीकी सदर बराक ओबामा नैटो के फ़ौजी हमलों के दौरान आम शहरीयों की हलाकतों पर अफ़्ग़ान अवाम से माफ़ी मांगने पर राज़ी हो गए थे।