पाकिस्तान को अलग थलग करने की कवाईद शुरू, अबु धाबी के प्रिंस होंगे गणतन्त्र दिवस का चीफ़ गेस्ट

नई दिल्लीः मुस्लिम देशों में पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए मोदी सरकार ने पहली कील ठोकी है. पाकिस्तान के दोस्त अबु धाबी के प्रिंस जायद को 26 जनवरी की परेड का अतिथि बनाया है. प्रिंस भी आतंकवाद पर भारत की चिंता का समर्थन करते हैं. पिछले साल राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में जो सम्मान बराक ओबामा को मिला था, इस साल जो सम्मान फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद को मिला था वही सम्मान अगले साल 26 जनवरी को अबु धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को मिलेगा. मोदी का सरकार का न्योता प्रिंस जायद ने कबूल कर लिया है.

पिछले साल अगस्त में पीएम मोदी अबु धाबी गए थे. 30 साल में पहली बार कोई भारतीय पीएम ने यूएई का दौरा किया था. तब उनकी प्रिंस जायद से मुलाकात और आतंकवाद से साथ लड़ने पर बात हुई थी . इस साल फरवरी में प्रिंस जायद भारत भी आए थे. पीएम का जाना जरूरी नहीं था लेकिन वो प्रिंस को रिसीव करने एयरपोर्ट चले गए थे. कुछ मुलाकातों ने मोदी और प्रिंस को दोस्त बना दिया है. दोनों में एक और बात मिलती जुलती है कि मोदी और प्रिंस जायद आधुनिक समाज के समर्थक हैं.
पाकिस्तान के यूएई से भी अच्छे रिश्ते हैं. इसलिए प्रिंस जायद का भारत आना दुनिया की हेडलाइन बन गया है. प्रिंस जायद ने ऐसे समय भारत का न्योता स्वीकार किया है जब भारत दुनिया में पाकिस्तान को अलग थलग करने की मुहिम चला रहा है. दक्षिण एशियाई देशों के बीच पाकिस्तान अलग थलग पड़ चुका है. इसलिए इस्लामाबाद में होने वाला सार्क सम्मेलन रद्द हो गया.

प्रिंस जायद के भारत आने से पाकिस्तान के लिए आर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोआपरेशन यानी ओआईसी में अपनी इज्जत बचाना भारी पड़ सकता है. ओआईसी में 57 देश हैं और सारे मुस्लिम हैं. 1969 में जब ओआईसी बनाया गया था जब मकसद था कि मुस्लिमों की आवाज को दुनिया में मुखर बनाना. अब जबकि पाकिस्तान के कारण मुस्लिम समाज की बदनामी हो रही है तो प्रिंस जायद जैसे नेता ओआईसी में भारत के समर्थन और पाकिस्तान को अलग थलग करने की जमीन तैयार करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. भारत और यूएई पुराने दोस्त हैं. चीन और अमेरिका के बाद यूएई तीसरा ऐसा देश है जिससे भारत के बड़े कारोबारी रिश्ते हैं. आप जिस पेट्रोल डीजल से कार बाइक चलाते हैं उसका कच्चा तेल यूएई से ही भारत आता है. यूएई में करीब 25 लाख भारतीय काम करते हैं.