नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र को एक और पत्र लिखे जाने को खारिज करते हुए भारत ने कहा कि ऐसा करने से यह सच्चाई नहीं बदलेगी कि इस्लामाबाद ने जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्से को गैरकानूनी तरीके से तथा जबरन अपने कब्जे में कर रखा है और उसे घाटी के अंदरूनी हालात पर टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए 22 सांसदों को विशेष दूत के तौर पर भेजने के पाकिस्तान के फैसले की आलोचना भी की. उन्होंने कहा कि इससे अच्छा होता कि एक दूत को सही संदेश के साथ सही देश भेजा जाता. उनका संकेत था कि इस्लामाबाद को सीमा पार से जारी आंतकवाद पर चर्चा करने के लिए एक प्रतिनिधि भेजना चाहिए.