पाकिस्तान: नाटो फोर्सेस से खुल कर बात करने का वक़्त आगया

ईस्लामाबाद। 4 दिसमबर (एजैंसीज़) योरोपी यूनीयन और नाटो के सैक्रेटरी जनरल रासमोसन ने महमंद एजैंसी में पाकिस्तान की चैकपोस्ट नाटो के फ़िज़ाई हमले पर अपने अफ़सोस काइज़हार करते हुए पाकिस्तानी क़ौम से हमदर्दी की जबकि नाटो के सैक्रेटरी जनरल ने वाक़िया को ग़ैर इरादी क़रार देते हुए एक मर साला के ज़रीया वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तान सय्यद यूसुफ़ रज़ा गिलानी को यक़ीन दिलाया है कि मुस्तक़बिल में ऐसे वाक़ियात से बचने के लिए पाकिस्तान के साथ तआवुन को मज़ीद बढ़ाया जाएगा।

सफ़ीर पाकिस्तान जलील अब्बास जीलानी ने भी नाटो हुक्काम को पाकिस्तानी अवाम के जज़बात से आगाह करने केलिए अपनी तरफ़ से एक कोशिश की जो रिवायती इक़दाम है। अगर आज हमारी सिफ़ारत कारी और ख़ारिजा पालिसी हमारे पड़ोसी मुलक हिंदूस्तान की तरह तेज़-ओ-तुंद होती तो ऐसे वाक़ियात ही रौनुमा ना होते। पाकिस्तान पर होने वाले नाटो के इस इक़दाम पर योरपी पार्लीमैंट ने भी कोई ख़ातिरख़वाह जज़बात का इज़हार नहीं किया जिस की वजह भी हमारी नाकाम और सुस्त ख़ारिजा पालिसी ही है।