पाकिस्तानी सेना के सूचना विभाग आईएसपीआर के निदेशक लेफ़्टिनेंट जनरल आसिम सलीम बाजवा ने कहा है कि उनका देश पश्चिमी सीमाओं पर दहशतगर्दी के ख़िलाफ़ लड़ रहा है इसलिए वो कभी नहीं चाहेगा कि उसकी सेना को पश्चिमी सीमा से पूर्वी सीमा पर लाई जाए। उन्होंने यह बातें पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के भम्भर और तत्ता पानी सेक्टर के दौरे के दौरान पत्रकारों से कही।
बाजवा ने कहा कि हम पश्चिमी सीमाओं पर दहशतगर्दी के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहे हैं। ऐसे समय पर जब जंग ख़त्म होने को है अगर फौजी दस्तों का मूवमेंट दूसरे जगह किया गया तो नुक़सानदेह साबित होगा। पर बजवा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान हर उस क़दम को उठाएगा जो पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए ज़रूरी पेश आएगी।
भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर उन्होंने कहा कि भारत का दावा मनगढ़ंत, बेबुनियाद, सफ़ेद झूठ और ग़ैर ज़िम्मेदाराना है। उन्होंने यह भी कहा कि हमने उनको जवाब दिया था। हमें यक़ीन है कि ज़रूर उनकी ओर भी हताहत हुए हैं। लेकिन वो इस बात को क्यों छुपा रहे हैं यह सवाल उनसे पूछा जाना चाहिए। भारत पहले ही अपने सैनिकों के मारे जाने की रिपोर्टों को ख़ारिज कर चुका है।
बाजवा ने बताया कि संघर्ष-विराम उल्लंघन के बाद हमारी ओर संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षको ने भी जांच की है। पर एसी क्या वजह है कि भारत न मीडिया को आने दे रहा है और न संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षकों को। उन्होंने कहा कि हमारा इलाक़ा आम लोगों, मीडिया और संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षकों के लिए खुला हुआ है। अगर भारत दावा कर रहा है कि उसने सर्जिकल स्ट्राइक किया तो पहले उसका सबूत पेश करे।
देशी-विदेशी पत्रकारों के इस दौरे के दौरान भम्भर सेक्टर में बाग़सर कमांड पोस्ट से पाकिस्तानी सेना की फ़ॉरवर्ड तैनातियां और नियंत्रण रेखा समेत भारतीय पोस्टें दिखाई गईं। पत्रकारों को भारतीय पोस्टों से केवल 2300 गज़ दरी पर मौजूद तत्ता पानी का दौरा भी कराया गया।
बाजवा ने दावा किया कि इस इलाक़े की आबादी तकरीबन एक लाख है। और जगह-जगह फौज तैनात हैं। इस तरह किसी सर्जिकल स्ट्राइक का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि उन्होंने अगर सर्जिकल स्ट्राइक किया है और उसमें कोई जानी नुक़सान हुआ है तो वो कहां हैं। एक लाख की आबादी वाले इस इलाक़े में किसी को तो ख़बर होनी चाहिए।
उन्होंने ने यह भी कहा कि जगह-जगह फौजी दस्तों और तमाम हथियार प्रणालियों की मौजूदगी में न तो लाइन ऑफ़ कंट्रोल पार की जा सकती है और न ही हेलीकॉप्टर आ सकता है और न ही पैराट्रूपर। तो फिर भारत ने किस हिसाब से दावा किया कि फौजी दस्तों ने सरहद पार की, पैराट्रूपर उतरे, फिर चंद घंटों में कार्रवाई पूरी करके वापस चले गए। यहां न तो ख़ामोशी से हेलीकॉप्टर आ सकते हैं, न पैराट्रूपर उतर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत बताए कि उसके पैराट्रूपर नीचे आए तो वापस कैसे गए? लांचिंग पैड तबाह करने का दावा करने वाले बताएं कि लाशें कहां गईं?
बजवा ने यह भी कहा कि भारत की ओर से लाइन ऑफ़ कंट्रोल, वर्किंग बाउंड्री और सीमा पर लगातार आक्रामकता दिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता है। युद्ध किसी के फ़ायदे में नहीं है। युद्धोन्माद को भारत में हवा दी जा रही है जिसका एक मक़सद कश्मीर में भारत की ज़्यादती पर पर्दा डालना है। भारतीय सैनिकों के सीमा पार करने के मामले में उन्होंने कहा कि ग़लती से सीमा पार करने के मामले अक्सर होते रहते हैं और उसके वापसी के तरीक़े मौजूद हैं।