ये दावा करते हुए कि पाकिस्तान की हुकूमत दर हक़ीक़त ज़वाल पज़ीर हो चुकी है, मुल्क के साबिक़ (भूत पूर्व ) फ़ौजी हुक्मराँ परवेज़ मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान में दुबारा फ़ौजी हुकूमत के क़ियाम के इमकानात को मुस्तर्द करने(नकारने) से इनकार कर दिया । उन्हों ने कहा कि फ़िलहाल हकूमत-ए-पाकिस्तान मुसलसल ज़वाल पज़ीर है।
लोग एक बार फिर फ़ौज से उम्मीदें वाबस्ता कर रहे हैं कि वो मुल्क को बचा ले गी। वो अमरीका के अपनी मर्ज़ी से वतन वापसी का अह्द करते हुए परवेज़ मुशर्रफ़ ने पाकिस्तानी हुकूमत की जानिब से इंटरपोल से उन की गिरफ़्तारी की ख़ाहिश करने को नज़रअंदाज करते हुए कहा कि वो इंतिख़ाबात (चुनाव) के लिए वतन वापिस होते हुए गिरफ़्तारी के खतरों का सामना करने के लिए तय्यार हैं।
उन्हों ने दावा किया कि पाकिस्तान में आम इंतिख़ाबात (चुनाव) जारीया साल ही मुनाक़िद होंगे। पाकिस्तान के साबिक़ (भूत पूर्व ) फ़ौजी हुकमरान अमरीका में पाकिस्तान के मर्कज़ी महिकमा सुराग़ रसानी की जानिब से अमरीका को इस पयाम की रवानगी के चंद बाद ही अमरीका का दौरा कर रहे हैं जिस में इंटरपोल को उन की गिरफ़्तारी के लिए दुबारा याद दहानी करवाई गई है और उन्हें बेनज़ीर भुट्टो क़त्ल मुक़द्दमा का मुजरिम क़रार दिया गया है ।
जनरल मुशर्रफ़ ने अपने साबिक़ा ब्यानात का इआदा किया कि अगर उन की ज़िंदगी को भी ख़तरा लाहक़ हो तब भी वो अपने तौर पर वतन वापिस होंगे । उन्हों ने कहा कि वो अपना दिफ़ा करना बख़ूबी जानते हैं लेकिन फ़िलहाल हकूमत-ए-पाकिस्तान ज़वाल पज़ीर है। जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ फ़िलहाल बर्तानिया और दुबई में क़ियाम पज़ीर हैं। उन्हों ने अपनी वतन वापसी की कोई क़तई (निश्चित) तारीख ज़ाहिर की है।