यूरोपीय यूनीयन ने पाकिस्तान में सज़ाए मौत पर अमल दरामद पर तशवीश का इज़हार करते हुए कहा कि यूरोपीय मंडीयों में तिजारती मुराआत हासिल करने के लिए ज़रूरी है कि पाकिस्तान बैनुल अक़वामी कंवेनशन्स की पाबंदी करे।
ब्रुसेल्ज़ में यूरोपीय यूनीयन के दफ़्तर से जुमेरात को जारी होने वाले एक ब्यान में कहा है कि मुल्क में फांसी पर आइद पाबंदी ख़त्म होने के बाद से अब तक 150 अफ़राद को फांसी दी जा चुकी है और फांसीयों पर अमल दरामद से पाकिस्तान इंसानी हुक़ूक़ की पासदारी के लिहाज़ से बहुत पीछे चला गया है।
पिशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर दिसंबर 2014 में तालिबान के बहिमाना हमले के बाद हुकूमत ने सज़ाए मौत पर सन 2008 से आइद ग़ैर ऐलानीया पाबंदी हटाने का फ़ैसला किया था।
यूरोपीय यूनीयन के ब्यान में कहा गया है कि जुमेरात को सज़ाए मौत के मुंतज़िर क़ैदी आफ़ताब बाबर को फांसी दी गई हालाँकि जुर्म के इर्तिकाब और इक़रार के वक़्त मुल्ज़िम नाबालिग़ था।