पाकिस्तान में फांसी की सज़ा की बर्ख़ास्तगी पर ज़ोर

अक़वामे मुत्तहिदा के सेक्रेट्री जेनरल बान्की मून ने हुकूमते पाकिस्तान पर ज़ोर दिया है कि वो मुजरमीन को फांसी देने का अमल बंद करे और सज़ाए मौत पर दोबारा इमतिना आइद किया जाए।

पिशावर स्कूल पर हुए दहश्तगर्द हमले में 150 बेक़सूर अफ़राद की हलाकतों के बाद हुकूमते पाकिस्तान ने सज़ाए मौत पर गुज़िश्ता छः साल से आइद इमतिना ख़त्म करने का फैसला किया था जिस के पेशे नज़र बान्की मून ने ये अपील की है।

बाण ने 25 दिसंबर को पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म नवाज़ शरीफ़ से टेलीफोन पर बात चीत करते हुए स्कूल पर हुए हमले के मुतास्सिरा अवाम और हुकूमत से ताज़ियत का इआदा किया था।

बान्की मून के एक तर्जुमान ने इस ज़िमन में एक तहरीरी ब्यान पढ़ा जिस में कहा गया था कि सेक्रेट्री जेनरल ने दुशवार कुन हालात की संगीनी को पूरी तरह तस्लीम किया है और हुकूमते पाकिस्तान पर ज़ोर दिया कि वो मुजरमीन को दी जाने वाली फांसी का अमल बंद करे और सज़ाए मौत पर दोबारा इमतिना आइद किया जाए।

ब्यान में मज़ीद कहा गया है कि सेक्रेट्री जेनरल और वज़ीरे आज़म ने जम्हूरियत और क़ानून की हुक्मरानी की अहमियत के इलावा आज़ाद अदलिया और पाकिस्तानी अवाम के जज़बात के एहतेराम का नोट लिया।