पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान में मदरसों की भूमिका की अनदेखी करना और उन्हें आतंकवाद से जोड़ कर देखना अनुचित है। इसके साथ ही इमरान ने कहा कि देश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।
मीडिया में गुरूवार को आई खबरों के अनुसार इमरान ने देश के शीर्ष उलेमा के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने उलेमा को मदरसा सुधार और अन्य मुद्दों पर विचार के लिए बुलाया था।
उन्होंने कहा कि सरकार वर्ग आधारित शिक्षा व्यवस्था को खत्म करना तथा पाठ्यक्रम में एकरूपता लाना चाहती है। इनमें मदरसे भी शामिल हैं।
डॉन समाचार पत्र के अनुसार खान ने कहा कि समाज के विकास में मदरसों की भूमिका की अनदेखी नहीं की जा सकती और सभी धार्मिक संस्थानों को आतंकवाद से जोड़ना अनुचित होगा।
रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान में कई मदरसों के चरमपंथी आतंकी समूहों से करीबी संबंध हैं तथा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क को बनाए रखने में उनकी अहम भूमिका है।
इमरान ने कहा कि खुशहाली हासिल करने के लिए समान शिक्षा व्यवस्था का अहम महत्व है। उन्होंने कहा कि मदरसों के छात्रों का यह हक है कि वह जीवन के सभी क्षेत्रों में भाग लें और मदरसों को मुख्यधारा में लाया जाना आवश्यक है।
पाकिस्तान के पीएम अगले महीने जा सकते हैं चीन
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के अगले महीने चीन के आधिकारिक दौरे पर जाने की संभावना है। यह जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दी है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि 50 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से बनने वाला चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) बेहद महत्वपूर्ण है और इसकी शुरूआत हो गई है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि इन परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। चीन के साथ बातचीत की जा रही है कि जो क्षेत्र नयी सरकार के लिए महत्वपूर्ण हैं उन पर किस तरह ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
महत्वाकांक्षी सीपीईसी परियोजनाओं में बदलाव की खबरों के बारे में पूछे जाने पर वॉशिंगटन में कुरैशी ने कहा,‘उम्मीद है कि इस पर बातचीत के लिए अगले महीने नवंबर में प्रधानमंत्री अपने पहले अधिकारिक दौरे पर चीन जाएंगे।