तेलंगाना के ज़िला खम्मम से ताल्लुक़ रखने वाले एक जोड़े ने दावा किया है कि कराची पाकिस्तान में मौजूद गीता उनकी दुख़्तर है। डी एन ए टेस्ट कराते हुए गीता को उनके हवाले करने का मर्कज़ी हुकूमत से मुतालिबा किया है।
ज़िला खम्मम नर्सा पूरम मौज़ा से ताल्लुक़ रखने वाले जोड़े , जय क्रिशनैया और गोपा अम्मां का कहना है कि बचपन में खोकर कराची में बरामद होने वाली गीता उनकी दुख़्तर है जिसका असली नाम रानी है।
पैदाइशी तौर पर गूँगी रहने वाली उनकी दुख़्तर साल 2006 के दौरान गुंटूर में मुनाक़िदा ईसाई मज़हबी तक़रीब में शिरकत के दौरान लापता हो गई थी। सलमान ख़ान की फ़िल्म बजरंगी भाई जान की रीलीज़ के बाद पाकिस्तान के कराची में मौजूद गीता अचानक सुर्खियों में आ गई तो टेली वीज़न और अख़्बारात में मुसलसल देखने के बाद ज़िला खम्मम के जोड़े ने गीता को अपनी दुख़्तर होने का दावा किया।
इस जोड़े का कहना है कि उन्हें चार लड़कियां हैं। पहली लड़की राज्यम्मां ज़हनी तौर पर माज़ूर है। दूसरी लड़की ज्योति की शादी कर दी गई है। तीसरी लड़की पद्मा तालीम हासिल कर रही है और चौथी लड़की रानी (गीता) को बात चीत और बड़ी लड़की की ज़हनी हालत को ठीक करने की मिन्नत मांगने के लिए 27 जनवरी 2006 को गुंटूर में मुनाक़िदा ईसाई तक़रीब में शिरकत करने के लिए पहूंचे थे।
तक़रीब में शिरकत के बाद 28 जनवरी को वापिस होने के दौरान छोटी लड़की रानी (गीता) अवाम में गुम हो गई। जो कि पैदाइशी तौर पर गूँगी होने की वजह से वो अपने घर का पता बताने से क़ासिर रही।
कई साल तक ज़िला गुंटूर के मुख़्तलिफ़ गिर्जा घरों के फादर्स के ज़रीए रानी (गीता) की काफ़ी तलाश की गई। ताहम उस का कहीं पता नहीं चला तो मायूस हो कर ख़ामोश हो गए थे।