पाकिस्तान ने आज मज़ीद दो दहश्तगर्दों को फांसी पर लटका दिया हालाँकि पाकिस्तान के इस इक़दाम की मुक़ामी और आलमी सतह पर मुज़म्मत की जा रही है लेकिन ऐसा मालूम होता है कि पिशावर हमला के बाद जहां दर्जनों तलबा को तालिबान ने मौत के घाट उतार दिया था।
पाकिस्तान ने सज़ाए मौत पर आइद इमतिना को बर्ख़ास्त करते हुए यके बाद दीगरे दहश्तगर्दों को फांसी पर लटकाने का सिलसिला जारी रखा है जिस की तादाद अब 9 हो चुकी है। फांसी पाने वाले दो दहश्तगर्द अहमद अली उर्फ़ शेषनाग और ग़ुलाम शब्बीर उर्फ़ फ़ौजी उर्फ़ डॉक्टर जिन का ताल्लुक़ एक ममनूआ दहश्तगर्द तंज़ीम से था, को आज सुबह मुल्तान की सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया गया।
अंग्रेज़ी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक़ अहमद अली को जोज़ग डिस्ट्रिक्ट के शोरकोट से था, 1998 में तीन अफ़राद को हलाक करने की पादाश में फांसी दी गई जबकि ग़ुलाम शब्बीर ने डिप्टी सुपरिनटेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस अनवर ख़ान और उन के ड्राईवर ग़ुलाम मुर्तज़ा को 2000 में बोहर गेट के करीब हलाक कर दिया था।
याद रहे कि पाकिस्तान में ऐसे मुल्ज़िमीन की तादाद 8000 है जो सज़ाए मौत पर अमल आवरी के मुंतज़िर हैं।