पाकिस्तान ने आज अस्करीयत पसंदी और क़त्ल जैसे संगीन मुआमलात में मुलव्विस ऐसे 12 क़ैदीयों की सज़ाए मौत पर अमल आवरी की जिन्हें अर्सा क़ब्ल सज़ाए मौत सुनाई गई थी।
हुकूमते पाकिस्तान की जानिब से गुज़िश्ता साल पिशावर के मिलिट्री स्कूल में हुए हमला और ज़ाइद अज़ 150 तलबा की हलाकत के दिलसोज़ वाक़िया के बाद पाकिस्तान में सज़ाए मौत पर आइद इमतिना को बर्ख़ास्त कर दिया था और तब से लेकर आज तक एक ही दिन में बारह क़ैदीयों को फांसी पर लटका देने का अपनी नौईयत का ये अनोखा वाक़िया है।
जिन्हें झंग कराची लाहौर रावल पिंडी मुल्तान मियांवाली फैसलाबाद और गुजरांवाला में वाक़े मुख़्तलिफ़ जेलों में सज़ाए मौत दी गई और इस तरह अब पाकिस्तान में फांसी पर लटकाए गए क़ैदीयों की जुमला तादाद 39 हो गई जबकि मुल्क में मज़ीद 8000 क़ैदी ऐसे हैं जो अपनी सज़ाए मौत पर अमल आवरी के मुंतज़िर हैं।
इन का ये भी कहना है कि पाकिस्तान में फ़ौजदारी इंसाफ़ का तरीके कार लाएतबार है जहां कभी कभी बेक़सूर अफ़राद को अज़ीयतें देकर उन से ऐसे जराइम का एतराफ़ करवाया जाता है जिस के वो कभी मुर्तक़िब हुए ही नहीं।