पाकिस्तान में हिंदू शादीयों के इंदिराज की जानिब पहला क़दम

पाकिस्तान में क़ौमी असेंबली की क़ायमा कमेटी ने एक ऐसे मुसव्वदा क़ानून की मंज़ूरी दे दी है, जिससे हिंदू बिरादरी की शादीयों का इंदिराज हो सकेगा। हिंदू लड़के और लड़की की शादी पण्डित कराएंगे लेकिन शादी का रजिस्ट्रार अलाहिदा होगा।

मुस्लिम अक्सरीयती पाकिस्तान में तीस लाख के लग भग हिंदू बिरादरी की शादीयों के इंदिराज का कोई क़ानून नहीं और ये बिरादरी इस बारे में क़ानूनसाज़ी का मुतालिबा करती रही है। अब हिंदू मैरिज बिल 2015 में हिंदू जोड़े की उम्र कम-अज़-कम 18 बरस करने तजवीज़ मंज़ूर कर ली गई।

बिल के मतन के मुताबिक़ हिंदू लड़के और लड़की की शादी पण्डित कराएंगे लेकिन शादी का रजिस्ट्रार अलाहिदा होगा। हिंदू लड़के या लड़की ने मज़हब बदला तो शादी टूट जाएगी, अलाहिदगी के बाद हिंदू लड़का लड़की में समझौता हो जाएगी तो दोबारा शादी की ज़रूरत नहीं, वैसे ही साथ रह सकेंगे।

हिंदू जोड़े की शादी की रजिस्ट्रेशन की जाएगी, मज़हब तबदील करने पर शादी अज़ खु़द ख़त्म हो जाएगी। अगर शादी के बाद शौहर ज़ालिमाना बरताव करे या मुसलसल दो साल तक अज़दवाजी ताल्लुक़ात ना रखे तो ख़ातून को अलाहिदगी का अख़तियार मिल जाएगा।