पाकिस्तान में फ़ौजी बग़ावत के अंदेशे ख़तम ज़रदारी दुबई रवाना

ईस्लामाबाद, १३ जनवरी ( पी टी आई ) पाकिस्तान में फ़ौज और हुकूमत के माबैन इख़तिलाफ़ात और टकराव की सूरत-ए-हाल के दरमयान सदर आसिफ़ अली ज़रदारी हैरतअंगेज़ तौर पर आज दुबई रवाना हो गए ताहम मुल्क में किसी फ़ौजी बग़ावत के अंदेशे ख़तम हो गए हैं और अब सारी तवज्जा पैर के दिन सुप्रीम कोर्ट में होने वाली एक अहम समाअत पर मर्कूज़ हो गई है ।

ताक़तवर फ़ौज और हुकूमत के मौक़िफ़ मै आज क़दरे नरमी भी देखी गई जबकि एक दिन क़बल ही वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने मोतमिद दिफ़ा मिस्टर नईम ख़ालिद लोधी को बरतरफ़ कर दिया था जिन्हों ने सुप्रीम कोर्ट में एक केस में फ़ौज की हिमायत वाला मौक़िफ़ इख़तियार किया था ।

जो क़ियास किया जा रहा था कि मोतमिद दिफ़ा के बाद मिस्टर गिलानी फ़ौजी सरबराह जनरल अशफ़ाक़ परवेज़ क्यानी और आई एस आई के सरबराह अहमद शुजाअ पाशाह के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करसकते हैं वो भी ग़लत साबित हुआ है । जनरल क्यानी ने ताहम अपने आली कमांडरस के साथ फ़ौज के हैड क्वार्टर्स में एक इजलास मुनाक़िद किया ।

इस इजलास में प्रिंसिपल स्टाफ़ ऑफीसर्स और सीनीयर जनरल्स ने भी शिरकत की जो फ़ौजी हेडक्वार्टर्स के इलावा कोर कमांडर्स में भी ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं। इजलास में किन उमूर पर ग़ौर हुआ है इस का कोई पता नहीं चल सका है क्योंकि फ़ौज के मीडीया विंग ने इस ताल्लुक़ से कोई तबर्रा करने से गुरेज़ किया है ।

जनरल असैंबली का एक हंगामी इजलास सुप्रीम कोर्ट के अहकाम की वजह से पैदा शूदा सूरत-ए-हाल पर ग़ौर करने के लिए तलब किया गया था ताहम ये इजलास रुहानी-ओ-सयाय रहनुमा पीर साहिब पगारा सैयद मुहम्मद मरदान शाह और दूसरों को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करने के बाद ख़तम हो गया ।

क़ौमी असैंबली का इजलास जुमा को भी होगा । आज दिन भर पेश आने वाले हालात में सब से हैरत अंगेज़ मिस्टर ज़रदारी का फ़ैसला रहा जो अचानक ही एक रोज़ा दौरा पर दुबई रवाना हो गए ताकि वहां किसी नामालूम रिश्तेदार की शादी में शिरकत करसकें। कहा जा रहा है कि वो दुबई में तिब्बी मुआइने भी करवाईंगे और जुमा को वतन वापस होंगे ।

सदर के दौरा पर फ़ौरी सरकारी तौर पर कोई तबसरा नहीं किया गया। ज़राए ने बताया कि तवक़्क़ो है कि ज़रदारी दुबई में एक शादी की तक़रीब में शिरकत करेंगी। कई सीनीयर सरकारी ओहदेदारों की भी शिरकत मुतवक़्क़े है। मेमो स्कैंडल मंज़रे आम पर आने के बाद ज़रदारी का ये दूसरा दौरा-ए-दुबई है।

उन्हों ने 6 दिसम्बर को अचानक दुबई का दौरा किया और तक़रीबन 15 दिन ईलाज केलिए यहां हॉस्पिटल में गुज़ारे। सुप्रीम कोर्ट में पीर के दिन आली ओहदों में क्रप्शन के एक मुक़द्दमा की समाअत भी मुक़र्रर है और इस तरह के एक केस में मिस्टर ज़रदारी का नाम भी शामिल है ।

सुप्रीम कोर्ट ने गुज़शता दिनों मिस्टर गिलानी पर तन्क़ीद करते हुए कहा था कि वो इस तरह के मुक़द्दमात पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और उन के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की जा सकती है । मुबस्सिरीन का ख़्याल है कि फ़ौज किसी तरह की बग़ावत से ख़ौफ़ज़दा है क्योंकि ऐसा करने पर उसे भी सुप्रीम कोर्ट की फटकार पड़ सकती है ।

ताहम ये क़ियास ज़ोरों पर ज़ाहिर किया जा रहा था कि अदालत की जानिब से मिस्टर गिलानी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा सकती है जिस के नतीजा में मुल्क में क़बल अज़ वक़्त इंतिख़ाबात होसकते हैं। मिस्टर गिलानी ने सूरत-ए-हाल पर ग़ौर करने क़ौमी असैंबली का हंगामी इजलास तलब किया है ।

वज़ीर-ए-आज़म ने कल ही मोतमिद दिफ़ा को बरतरफ़ कर दिया था जो फ़ौजी सरबराह के क़रीबी शख़्स समझे जाते हैं। इस दौरान इस बरतरफ़ी को अदालत में चैलेंज किया गया है । एक वकील अज़हर सिद्दीक़ी ने लाहौर हाइकोर्ट में एक दरख़ास्त पेश की और कहा कि वज़ीर ए आज़म का ये इक़दाम ग़लत है ।

इस दौरान पाकिस्तानी ज़राए इबलाग़ ने आज तजवीज़ किया है कि हुकूमत और फ़ौज को अपने अपने इख़तिलाफ़ात पुरसुकून अंदाज़ में ख़तन कर लेने चाहिऐं क्योंकि इस तात्तुल से मुल्क को नुक़्सान हो रहा है । ज़राए इबलाग़ ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म की जानिब से फ़ौजी और इंटेलीजेंस सरबराह के इक़दामात को ग़ैर दस्तूरी और गै़रक़ानूनी क़रार दिए जाने के नतीजा में बग़ावत भी हो सकती है|

अख़बार डॉन (DAWN) ने कहा कि अब जबकि ज़राए इबलाग़ में भी हुकूमत की खिंचाई हो रही है और सुप्रीम कोर्ट भी ब्रहम है तो ऐसे में फ़ौज की जानिब से रास्त और ग़ैर दस्तूरी मुदाख़िलत का इमकान कम ही होगया है ।