पाकिस्तान में फ़ौज के दिन खतम

देवास, २९ जनवरी (पी टी आई) क्रिकेटर से सियासतदां बनने वाले इमरान ख़ान ने आज ऐलान किया कि पाकिस्तान में ’’फ़ौज के दिन खतम हो गए‘‘ हैं।

उन्होंने हिंदूस्तान के साथ ’’बेहतर ताल्लुक़ात‘‘ एस्तवार करने का अहद किया। इमरान ख़ान जो अपने मुल्क में कसीर हुजूम पैदा करने की सलाहीयत रखते हैं वर्लड इकनामिक फ़ोर्म की चोटी कान्फ़्रैंस के मौक़ा पर कहा कि मैं आप को यक़ीन दिलाना चाहता हूं कि पाकिस्तान में बहुत जल्द जमहूरीयत इक़तेदार सँभालेगी।

आप सिर्फ इंतेख़ाबात तक का इंतिज़ार कीजिये, अब पाकिस्तान में हक़ीक़ी जमहूरीयत का वक़्त् आ गया है। इमरान ख़ान जिन्हों ने कल रात हिंदूस्तान की इस्तक़बालीया पार्टी में शिरकत की थी, कहा कि पाकिस्तान में अब फ़ौज का अमल दख़ल कम हो जाएगा और आप देखेंगे कि वहां पर हक़ीक़ी जमहूरीयत कायम होगी।

उन्होंने अपने सयासी सफ़र में ममनूआ तनज़ीम जमातुलदावा जैसे ग्रुप के साथ बात चीत करने में कोई ग़लत अंसर नज़र नहीं देखा। इस तरह के इन्तिहा पसंद ग्रुपों के साथ अपनी वाबस्तगी के बारे में उन्हों ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के सोवीत क़ब्ज़ा के दूर के दौरान अमेरीका ने तालिबान की हमायत की थी, अब हम अगर इन्तिहा पसंद ग्रुपों के साथ वाबस्तगी इख़्तेयार करते हैं तो इस में क्या हर्ज है।

जमातुल दावा, लश्कर तैयबा का अव्वल दस्ता ग्रुप है जिस ने मुम्बई हमले किऐ थे। उन्हों ने सवाल किया कि मुख़तलिफ़ ग्रुपों के अफ़राद को असल धारे में लाने की कोशिश क्या ग़लत है? सियासत में मुख़तलिफ़ अक़साम के अफ़राद से बात चीत करने का आप क्या मतलब निकालते हैं। क्या इन्तिहा पसंदों को असल धारे में लाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

मेरी नज़र में इस तरह की कोशिश कोई ग़लत काम नहीं है। उन्होंने अपनी मुदल्लल बहस को जारी रखते हुए कहा कि पाकिस्तान में इन के सयासी जलसों में अवाम का हुजूम बढ़ता जा रहा है। अगर आप किसी तरह इन्तिहा पसंदों से वाबस्तगी के बारे में बात चीत कर रहे हैं तो क्या यही बात आप तालिबान के साथ अमरीका की बात चीत या हमायत का सवाल उठायेंगे।

सियासत दानों को अवाम के मुख़तलिफ़ ग्रुपों से बात चीत करना होता है, इस में कोई ग़लत बात नहीं है। अगर मैं उन्हें समाज के असल धारे में लाना चाहता हूं तो इन का ज़हन भी तबदील कर दूंगा। इसी लिए में इन से बात चीत में मसरूफ हूं। में आप को यक़ीन दिलाता हूं कि हिंदूस्तान के साथ ताल्लुक़ात बेहतर होंगे। हिंदूस्तान के साथ रवाबित में मज़कूरा बातें हाइल नहीं होगी।