पाकिस्तान व बांग्लादेश से आने वाले हिंदू घुसपैठिया नहीं ये मुतासीर लोग हैं : आरएसएस

मुल्क के मुफाद में आबादी का तवाजिन है जरूरी : आरएसएस

रांची : आरएसएस रांची के सरला बिरला स्कूल में चल रहे ऑल इंडिया वर्किंग कमेटी की बैठक के दूसरे दिन आबादी इजाफा की शरह में अदम तवाजिन की चैलेंज पर तजवीज पारित किया गया। आरएसएस का मानना है कि मुल्क के मुफाद में आबादी का तवाज़ीन जरूरी है। सब पर बराबर सिविलियन कानून लागू होना चाहिए। दीगर तबकों की आबादी में अदम तवाज़ीन से मुल्क की इत्तिहाद , सलामियात और सकाफत की शिनाख्त का बोहरान पैदा हो जायेगा। कानून भी अपनी सकाफत शिनाख्त को बनाये रखने का हक़ देता है।

भारत सरकार पाकिस्तान व बांग्लादेश से आने वाले हिंदू, जैन, सिख और ईसाई को गैर कानूनी घुसपैठिया नहीं मानती है। ये मुतासीर लोग हैं। गैर कानूनी घुसपैठिया वो हैं जो जानबूझकर भारत की जमीन पर कब्जा करने आते हैं। घुसपैठ को रोकने के लिए जो भी कमी है उसे दूर किया जाना चाहिए।

डॉ कृष्णगोपाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत का कानून हिंदू को इक्सप्लेन करता है, वे लोग जो पारसी, ईसाई, मुस्लिम और यहुदी नहीं हैं, वे सब लोग हिंदू मजहब कोड में आते हैं। सरना हिंदू मजहब कोड के तहत आते हैं। डॉ कृष्णगोपाल ने क़ौमी सिविल कोड पर जोर देते हुए कहा कि यही भारत में रहने वालों की सिविलियन की शिनाख्त करेगी।

आरएसएस के डॉ कृष्णगोपाल ने कहा कि साल 1951 से 2011 के दरमियान आबादी इजाफा शरह में भारी फर्क देखने को मिल रहा है। एक तरफ हिंदुओं की तादाद पांच फीसद घटी है, तो दूसरी तरफ मुस्लिमों की तादाद पांच फीसद बढ़ी है।

डॉ कृष्णगोपाल ने कहा कि सरहदी जिलों में मुस्लिमों की आबादी बाक़ी भारतीय के मुक़ाबले में चार गुणा बढ़ी है। मणिपुर में भारतीय की तादाद 30 फीसद घट गयी है। अरुणाचल प्रदेश में भारतीय हिन्दू तबके के लोग 99 फीसद से घटकर 67 फीसद हो गये हैं। असम की हालत संगीन है। 1947 में असम का कोई भी जिला मुस्लिम इलाका नहीं था, लेकिन आज आठ जिले मुस्लिम इलाक़े हो गये हैं।

आज खत्म होगी की बैठक

आरएसएस की बैठक एक नवंबर को खत्म होगी। गुजिशता दो दिनों से चल रही बैठक में आरएसएस की तौसिह, गुजिशता साल में तय किये गये कामों की तजवीज की गयी। सुरेश भैया जी जोशी इतवार को बैठक से खिताब कर जानकारी मीडिया को देंगे।