पाकिस्तान संसद के उच्च सदन में हिन्दू विवाह कानून को मिली मंजूरी

पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं को नए साल का उपहार देते हुए मानवाधिकार पर सीनेट की कार्यसमिति ने ऐतिहासिक ‘हिंदू विवाह अधिनियम’ को मंजूरी दे दी है। इससे पहले पिछले सितंबर में इसे नेशनल असेंबली की मंजूरी मिल चुकी है। इस कानून के बन जाने से पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं को विवाह का रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा मिल जाएगी।

हिंदुओं को मुस्लिम के ‘निकाहनामे’ की तरह शादी के प्रमाण के तौर पर ‘शादीपरत’ दिया जाएगा। अलग होने के लिए हिंदू दंपती अदालत से तलाक का अनुरोध भी कर सकेंगे। तलाक ले चुके व्यक्ति को इस कानून के तहत फिर से विवाह का अधिकार दिया गया है। किसी महिला को पति की मृत्यु के छह महीने बाद अपनी इच्छा से पुनर्विवाह की आजादी होगी। नेशनल असेंबली के अल्पसंख्यक सदस्य रमेश कुमार ने ‘हिंदू विवाह अधिनियम’ को सीनेट की मंजूरी का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आज हमें पाकिस्तानी हिंदू होने पर गर्व हो रहा है।