पाकिस्तान सुपर लीग के बैरून-ए-मुल्क इनइक़ाद का इमकान भी मौजूद

कराची। 29जनवरी पाकिस्तान में 26 मार्च को शुरू होने वाली पाकिस्तान सुपर लीग की दस्तावेज़ में ये नुक्ता मौजूद है कि टूर्नामैंट को नामुनासिब हालात की वजह से किसी और मुल्क मुंतक़िल किया जा सकता है, लेकिन पाकिस्तान सुपर लीग के मनीजिंग डायरेक्टर सलमान सुरूर बट दावा करते हैं कि टूर्नामैंट पाकिस्तान के एक मुक़ाम पर होगा।

ताहम उन्होंने शहर और मुक़ाम का नाम ज़ाहिर करने से इनकार कर दिया और कहा कि वक़्त आने पर टूर्नामैंट की तफ़सीलात मीडीया को जारी करदी जाएंगी। मीडिया को पाकिस्तान सुपर लीग के नशरियाती हुक़ूक़ और फ़रंचायज़ ख़रीदने वाली कंपनीयों को भेजी गई दस्तावेज़ मौसूल हुई हैं।

इन दस्तावेज़ में वाज़िह तौर पर तहरीर है कि पाकिस्तान सुपर लीग नामुनासिब हालात की वजह से दूसरे मुक़ाम पर मुंतक़िल होसकती है बल्कि ब्रॉडकास्टर्स को मुआहिदे की रक़म लौटाई भी जा सकती है। दस्तावेज़ के मुताबिक़ नशरियाती हुक़ूक़ और फ़रंचायज़ की फ़रोख़त पाँच साल के लिए होगी।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि इस मंसूबे पर पाँच साल में एक सौ मिल‌यन डॉलर्स की सरमाया कारी होगी। लीग एसे वक़्त शुरू होरही है, जब लाहौर में श्री लंकाई टीम पर हुए हमला को चार साल मुकम्मल होजाएंगे। पी सी बी इस लीग को अपने हेडक्वार्टर लाहौर में कराना चाहता है।

सलमान सुरूर बट ने इस्तिफ़सार पर कहा कि ये कहना मुश्किल है कि उस वक़्त हम दूसरे मुल्क में पाकिस्तान सुपर लीग कराने का सोच रहे हैं। उस वक़्त हमारी तर्जीह है कि टूर्नामैंट सिर्फ़ और सिर्फ़ पाकिस्तान में हो और पाकिस्तान के ही एक मुक़ाम पर तमाम तर तवज्जो है।

दूसरे मुक़ाम के बारे में क़ानूनी नुक्ते की वजह से शक़ शामिल की गई है, लेकिन बोर्ड हर सूरत में इस मंसूबा को पाकिस्तान में कराने के लिए पुरेअज़म है। टूर्नामैंट की री शैडूलिंग या री लोकेशिंग की कोई तजवीज़ ज़ेर-ए-ग़ौर नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ने कई ग़ैर मुल्की खिलाड़ियों से राबिता किया है और उन की जानिब से हौसलाअफ़्ज़ा जवाब मिला है।

वक़्त आने पर उन के नाम जारी करदिए जाऐंगे। मुम्किना तौर पर क्रिकेटरस की नीलामी की तारीख़ 24 फरवरी है, लेकिन उसे हतमी क़रार नहीं दिया जा सकता। सलमान सुरूर बट ने कहा कि कमर्शियल मुआमलात और फ़रंचायज़ के साथ तबादला-ए-ख़्याल जारी है और पांचों फ़रंचायज़ के नामों का ऐलान जलद कर दिया जाएगा।

ज़राए का कहना है कि एक फ़रंचायज़ 25 से 40 करोड़ रुपय में फ़रोख़त करने की तजवीज़ ज़ेर-ए-ग़ौर है, लेकिन फ़रंचायज़ ख़रीदने वाली बिज़नस हाओससज़ ने सवाल उठाया है कि पाकिस्तान की महदूद मार्कीट में अगर कोई कंपनी फ़रंचायज़ खरीदती है तो उसे ये रक़म किस तरह मिलेगी? इस बारे में कोई बताने के लिए तैय्यार नहीं है। औसतन एक फ़रंचायज़ पर एक साल के अख़राजात 50 करोड़ रुपय के लग भग हैं।