पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में सुइस मुसव्वदा-ए-मकतूब (लेटर का प्रारूप)को मंज़ूरी

कई हफ़्तों की बेहस-ओ-तकरार के बाद पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मकतूब के तीसरे मुसव्वदे को मंज़ूरी दीदी जो सुइस हुक्काम से आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ रिश्वत केसों का अहया करने की अपील करेगा, जबकि हुकूमत ने वाज़िह करदिया कि इस मुल्क में कोई भी कार्रवाई सदारती इस्तिस्ना से मशरूत रहेगी।

वज़ीर-ए-क़ानून फ़ारूक़ नाविक ने मुसव्वदा-ए-मकतूब (लेटर का प्रारूप)को जस्टिस आसिफ़ सईद खोसा की सरबराही वाली पाँच जजों की बंच के सामने पेश किया, जिस ने इस दस्तावेज़ का बंद कमरे में जायज़ा लेने के बाद उसे मंज़ूर करलिया।

ये मसौदा मकतूब जो हुकूमत की जानिब से अदालत के रूबरू पेश किया जाने वाला तीसरा है क्योंकि अदालत ने इबतिदाई दो के मुशतमलात पर एतराज़ किया था, इस में वाज़ेह करदिया गया कि स्विटज़रलैंड में कोई भी कार्रवाई इस इस्तिस्ना के ताबे रहेगी

जो सदर को दस्तूर और पाकिस्तानी और बैन-उल-अक़वामी क़वानीन की जानिब से फ़राहम किया गया है। मुसव्वदे में सरबरहान-ए-ममलकत, सदर-ए-ममलकत को मुक़द्दमात से इस्तिस्ना का भी ज़िक्र है,

और सुइस केसेस पर पाकिस्तानी दावा बहाल करने के बारे में लिखा गया है।