खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से परेशान पाकिस्तान की सेना ने अपने रक्षा बजट में कटौती का फैसला किया है, जिसका वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तारीफ की है. पाकिस्तानी सेना का कहना है कि वह एक साल के लिए अपने बजट में स्वैच्छिक कटौती कर रही है. हालांकि उसने यह भी कहा कि बजट में उसकी यह कटौती सुरक्षा की कीमत पर नहीं की जा रही है बल्कि इस बचे धन का इस्तेमाल बलूचिस्तान के कबीलाई इलाके के विकास के लिए करेगी.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया, सालभर के लिए रक्षा बजट में स्वैच्छिक कटौती सुरक्षा की बिनाह पर नहीं की गई है. हम सभी तरह के खतरों से निपटने में सक्षम हैं. यह महत्वपूर्ण है कि हम कबीलाई क्षेत्रों और बलूचिस्तान के विकास में भागीदार बन रहे हैं.
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी सेना के इस फैसले की सराहना की है. उन्होंने ट्वीट किया, हमारी आर्थिक हालत खराब है और कई मोर्चों पर हम सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहे हैं, इसके बावजूद पाकिस्तानी सेना की अगले वित्त वर्ष के दौरान रक्षा व्यय में स्वैच्छिक कटौती के फैसला की सराहना करता हूं. हमारी सरकार इस धन का इस्तेमाल कबीलाई क्षेत्रों और बलूचिस्तान के विकास में करेगी.
गौरतलब है कि खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से परेशान पाकिस्तान की इमरान सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की हालत अभी और बिगड़ेगी, और वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान उसकी जीडीपी में बढ़त दर गिरकर 2.7 फीसदी ही रह जाएगी. वर्ल्ड बैंक ने यह भी चेताया है कि वित्त वर्ष 2020 में महंगाई बढ़कर 13.5 फीसदी तक पहुंच सकती है.
साल 2017-18 में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में 5.8 फीसदी की बढ़त हुई थी जो कि पिछले 11 साल का शीर्ष स्तर था. विश्व बैंक के अनुसार इसके बाद के दो वर्षों में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक वर्ल्ड बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में पाकिस्तान की जीडीपी में बढ़त महज 3.4 फीसदी रहेगी और सरकार द्वारा वित्तीय और मौद्रिक नीतियों में सख्ती बरते जाने की वजह से इसके अगले वित्त वर्ष यानी 2019-20 में ग्रोथ रेट महज 2.7 फीसदी रह जाएगी. विश्व बैंक की साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.