सदर अफ़्ग़ानिस्तान अशर्फ़ ग़नी ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि वो अपने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ बेहतर ताल्लुक़ात के लिए पुर उम्मीद हैं लेकिन साथ ही साथ मुहतात भी हैं क्योंकि अगर इस ख़ित्ता में पायदार अमन क़ायम करना हो तो तालिबान शोर्श पसंदी का ख़ात्मा ज़रूरी है।
कौंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स के साथ दू बदू बातचीत के दौरान पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने पाकिस्तान के बारे में कहा कि वो अपने पड़ोसी मुल्क के लिए मुहतात रवैया अपनाए हुए हैं।
हमारे दरमयान बेहतर ताल्लुक़ात ही हमारी बुनियादी ज़रूरत हैं लेकिन शोर्श पसंदी और तालिबान के रहते हुए ऐसा होना मुम्किन नज़र नहीं आता। इसी शोर्श पसंदी ने अफ़्ग़ानिस्तान और पाकिस्तान की नींदें हराम कर रखी हैं ओर दोनों ममालिक के दरमयान ताल्लुक़ात में वो गर्मजोशी भी नहीं देखी जा रही है जो किसी ज़माने में दोनों ममालिक का ख़ासा था।
जब किसी मुल्क में अमन का बोल बाला होता है तो ना सिर्फ़ इस मुल्क के लिए बल्कि पड़ोसी ममालिक में भी तरक़्क़ी की शरह में कम अज़ कम 1 ता 2 फ़ीसद इज़ाफ़ा ज़रूर होता है जिस का सीधा सीधा मतलब ये है कि पाकिस्तान में क़ियाम अमन के बाद 20 मिलियन अवाम ग़ुर्बत की सतह से ऊपर उठते हुए तरक़्क़ी की जानिब गामज़न हो जाएंगे।